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Buxar Top News: होनहार युवाओं ने बढ़ाया बक्सर का मान, विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अर्जित की शानदार सफलता ..



उन्होंने बताया कि उनका सपना यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर प्रशासनिक अधिकारी बनने का है. इसके लिए वह आगे भी कठोर परिश्रम करेंगे. उन्होंने आशा जताई कि वह अपना लक्ष्य जरुर पा लेंगे. 

- मध्यम वर्ग के परिवार से आते हैं दोनों युवा.
- किसान तथा टैक्सी ड्राइवर के सपनों को किया साकार.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर:  कहा जाता है प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती. मन में अगर लगन और निष्ठा हो तो किसी भी लक्ष्य को आसानी से पाया जा सकता है. ऐसा ही उदाहरण पेश किया है बक्सर के रहने वाले दो युवाओं ने. दोनों ने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर रैंक लाते हुए सफलता हासिल की है.


बक्सर के चरित्रवन के रहने वाले  तथा दिल्ली में टैक्सी ड्राइवर की नौकरी करने वाले  राजेंद्र पाल के  पुत्र सुजीत ने  वर्ष 2013 में बक्सर एमवी कॉलेज से उत्तीर्ण की इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण. जिसके बाद से ही सुमित पटना रहकर एमबीबीएस की तैयारी करने लगे. अपने पहले ही प्रयास में उन्होंने बिहार स्तरीय मेडिकल के एग्जाम में सफलता पाई. इस परीक्षा में उनकी रैंकिंग जेनरल 817 तथा केटेगरी में 117 रही. जिसके बाद मुजफ्फरपुर एसकेएमसीएच में दाखिला उनका दाखिला हो गया जहाँ वो आगे की पढ़ाई पूरी करेंगे. उनका सपना है कि ह्रदय रोग विशेषज्ञ बंन कर ह्रदय रोग से ग्रसित लोगों का इलाज करेंगे. तीन भाई बहनों के बीच मंझले सुजीत की इच्छा बचपन से डॉक्टर बनने की थी जिसके लिए उनके पिता ने किसी प्रकार की कोई कमी नहीं होने दी. वहीं सुमित ने भी अपने पिता के सपनों को साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. जिसका नतीजा सबके सामने है. 


वहीं दूसरी तरफ चरित्रवन के ही रहने वाले रवींद्रनाथ पाल के पुत्र कौशल कुमार पाल ने भी अपने प्रथम प्रयास में ही बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित सचिवालय सहायक की परीक्षा में 347वां रैंक प्राप्त किया है. हालांकि, वे अपनी इस सफलता से संतुष्ट नहीं है तथा आगे भी UPSC के तैयारी कर प्रशासनिक सेवा में जाना चाहते हैं. कौशल सुजीत के चचेरे भाई हैं कौशल के पिता भी एक साधारण किसान है. कौशल ने बक्सर से दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद दिल्ली के हंसराज कॉलेज से वर्ष 2014 में स्नातक तक की पढ़ाई पूरी की. उन्होंने बताया कि उनका सपना यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर प्रशासनिक अधिकारी बनने का है. इसके लिए वह आगे भी कठोर परिश्रम करेंगे. उन्होंने आशा जताई कि वह अपना लक्ष्य जरुर पा लेंगे. 


बक्सर के साधारण परिवार से आने वाले इन दोनों युवाओं की सफलता इस उम्र के सभी युवाओं के लिए प्रेरणादायक है.

















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