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Buxar Top News: पुत्र तथा पत्नी के साथ हत्या की सज़ा काट रहे वृद्ध समेत, महीनों से इलाजरत कैदी की मौत ..



छह माह में उन्हें तकरीबन सात यूनिट से अधिक खून चढ़ाया जा चुका था. कई महीनों से वह सदर अस्पताल में इलाजरत थे. जहां शुक्रवार को उन्होंने अंतिम सांस ली. 
फ़ाइल इमेज

- एक का चल रहा था महीनों से सदर अस्पताल में इलाज, दूसरे की शुक्रवार को बिगड़ गई थी तबीयत.
- पुत्र तथा पत्नी के साथ सजा काट रहा था वृद्ध कैदी.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: महीनों से सदर अस्पताल में इलाज रथ  कैदी समेत दो वृद्ध कैदियों की मौत  केंद्रीय कारा में हो गई बताया जा रहा है कि दोनों कैदी  बीमार थे तथा इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। दोनों कैदियों में समानता यह थी कि दोनों हत्या के आरोप में बंद थे हालांकि एक दहेज हत्या के आरोप में पत्नी तथा पुत्र के साथ सजा काट रहा था. जेल अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा ने बताया कि भोजपुर जिले के सजावार कैदी अयोध्या यादव (65 वर्ष) के शरीर में  हीमोग्लोबिन नहीं बनने के कारण उन्हें  बाहर से रक्त चढ़ाना पड़ता था.  छह माह में उन्हें तकरीबन सात यूनिट से अधिक खून चढ़ाया जा चुका था. कई महीनों से वह सदर अस्पताल में इलाजरत थे. जहां शुक्रवार को उन्होंने अंतिम सांस ली. मृत्यु के बाद उनके परिजनों को बुलाकर शव को उनके सुपुर्द कर दिया गया.


दहेज हत्या के आरोपी वृद्ध की भी हुई मृत्यु: 

वहीं दूसरी तरफ दहेज हत्या में सजा काट रहे वृद्ध कैदी  परमेश्वर पाल (75 वर्ष) की तबीयत शुक्रवार को बिगड़ गई. जिसके बाद उसे केंद्रीय कारा अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी स्थिति नियंत्रण में नहीं आ सकी तकरीबन 4:00 बजे सुबह में अस्पताल के चिकित्सक की अनुशंसा पर उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां सुबह 9:45 पर उसकी मौत की सूचना कारा प्रशासन को दी गई।

पत्नी तथा पुत्र भी है जेल में ही बंद:

कारा अधीक्षक ने बताया कि रामगढ़ थाना क्षेत्र के मोहनिया गांव का रहने वाला परमेश्वर पाल (75 वर्ष) अपनी पत्नी तथा पुत्र के साथ दहेज हत्या के मामले में सात वर्ष की सजा काट रहा था. उन्हें डेढ़ साल पूर्व केंद्रीय कारा लाया गया था. मृतक पत्नी को  महिला कारा में रखा गया है. वहीं पुत्र उसके साथ केंद्रीय कारा में सजा काट रहा था. 

मुखाग्नि देने के लिए पुत्र ने किया जिलाधिकारी से अनुरोध, पत्नी ने नहीं जताई अंतिम दर्शन की इच्छा:

जेल अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा ने बताया कि एकमात्र पुत्र के जेल में बंद होने के कारण मृतक को मुखाग्नि देने के लिए पुत्र का जेल से निकलना आवश्यक है, जिसके लिए जिलाधिकारी से अनुरोध किया गया है. वहीं उन्होंने बताया कि महिला कार्य में बंद मृतक की पत्नी के द्वारा अंतिम दर्शन के लिए अभी तक कोई आवेदन नहीं प्राप्त हुआ है. हां यदि पुत्र ने अनुरोध किया तो पति के शव को ले जाकर पत्नी को जेल में ही अंतिम दर्शन करा दिए जाएंगे.

















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