Header Ads

Buxar Top News: अंतरराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन में एक ही मंच पर कई संतों को विराजमान देख अभिभूत हुए लोग ..

एक मंच पर अनन्त संतों का दर्शन होने से महायज्ञ में आए श्रद्धालु काफी अभिभूत दिखे

- इटाढ़ी प्रखंड के काशिमपुर में आयोजित है कार्यक्रम.

- गुरु-शिष्य धर्म के बारे में दी गयी श्रद्धालुओं को दी गयी जानकारी.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: ब्रह्मलीन संत श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के परम शिष्य श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज के सानिध्य में चल रहे लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के तहत आयोजित अंतरराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन में विभिन्न धर्म गुरु तथा विद्वानों का आगमन इटाढ़ी प्रखंड के कासिमपुर में हुआ. एक मंच पर अनन्त संतों का दर्शन होने से महायज्ञ में आए श्रद्धालु काफी अभिभूत दिखे. अखिल अंतराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन में उपस्थित जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी चन्द्रभूषणाचार्य, जगद स्वामी अच्चयुतानंद जी महाराज, जगद स्वामी बेकंटेशाचार्यजी महाराज, स्वामी हरि प्रपन्नाचार्य जी महाराज, मीराबाई के पीहर से स्वामी रमेशाचार्य जी महाराज, स्वामी मधुसुदनाचार्यजी महाराज, स्वामी गोविंदाचार्यजी महाराज, स्वामी हरिओमजी महाराज, श्री प्रेमस्वामी जी महाराज, स्वामी कौशलेन्द्र प्रपन्नाचार्य जी महाराज, स्वामी राम मिश्र, धर्मनगरी दिल्ली से जगदगोपालाचार्य जी महाराज, श्रीमन नारायाणजी महाराज, वाराणसी से स्वामी अच्चयुतानंदजी महाराज, स्वामी हैंगिवाचार्य जी महाराज, जगद पीठाधिपति स्वामी कमलनयनाचार्यजी महाराज, परमार्थ भूषण श्री नरम्हिाचार्य जी महाराज, महामण्डलेश्वर श्रीप्रेमशंकरजी महाराज, श्रीगिरिधर शास्त्रीजी महाराज, श्रीपुण्डरिक शास्त्री जी महाराज, धर्मनगरी से श्रीविष्णुदूत स्वामी जी महाराज सहित अन्य देश के कोने कोने से आए सभी संत, महन्थ एवं पीठाधिपति एवं महामण्डलेश्वर को जगदगुरू स्वामी अयोध्यानाथ जी महाराज एवं ब्रम्हचारी जी महाराज द्वारा सभी आगत संत महन्थ एवं पीठाधिपति एवं महामण्डलेश्वर का माल्यापर्ण कर मंचासीन कराया गया. 

अखिल अंतराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन महाधर्म सम्मलेन शुरू करने से पहले श्री भगवान भाष्यकार रामानुजार्च की आरती एवं मंगलाचरण किया गया. इस दौरान श्रीत्रिदण्डि स्वामी जी महाराज के परम शिष्य श्रीलक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने श्री भगवान भाष्यकार रामानुजार्च की स्मृति के पावन अवसर पर इस पावन धाम एवं वामन भगवान की जय जयकार करते हुए कहा कि गुरूदेव श्रीत्रिदण्डी स्वामी जी महाराज की पावन कृपा से इस धरा धाम पर जीने के संदेश दिए. मानव जीवन को भक्ति ज्ञान, प्रेम, एवं उपासना के द्वारा मोक्ष प्राप्ति के उपाय बताए.उन्होंने कहा कि  धर्म सम्मेलन की महत्ता व उद्देश्य को ले आम धारणा यही रही है कि पारंपरिक रूप से एक आध्यात्मिक अनुष्ठान है. मगर यह अंतरराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन ने यह साबित करने में सफलता प्राप्त की धर्म ही पूरे जीवन वृति को संभालता है. 

कार्यक्रम में संत, महंत एवं पीठाधिपति एवं महामण्डेलश्वर आदि ने बारी बारी धर्म की व्याख्या की. उन्होंने बताया कि शिष्य पर केवल अपने गुरु के प्रति जवाबदेही है. लेकिन गुरु के उपर अपने गुरु तथा शिष्य दोनों की जवाबदेही होती है. ऐसे में गुरु शिष्य दोनों के उपर अपनी अपनी जिम्मेदारी होती है, जिसका बेहतर ढंग से निर्वहन उनके लिए आवश्यक है.
आई.के भंडारी की रिपोर्ट.





















No comments