Buxar Top News: बाढ़ के पूर्व सुरक्षा एवं तैयारियों को लेकर रेडक्रॉस हुआ सक्रीय, सचिव समेत टीम ने किया तटीय इलाकों का भ्रमण, लोगों को किया जागरुक ..
आपदाओं को पूरी तरह समाप्त तो नहीं किया जा सकता, लेकिन विभिन्न उपायों सावधानियों से उनके प्रभाव को कम अवश्य किया जा सकता है.
- रेडक्रॉस के सदस्य तथा जनप्रतिनिधि भी हुए शामिल.
- बाढ़ से सुरक्षा बचाव एवं तैयारियों की दी गई जानकारी.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बाढ़ की विभीषिका से सुरक्षा एवं बचाव को जिला रेडक्रॉस ने भी कमर कस ली है. लोगों को बाढ़ से सुरक्षा एवं बचाव की जानकारी देने के लिए रेडक्रॉस के सदस्यों के साथ सचिव डॉक्टर श्रवण कुमार तिवारी तथा जिला पार्षद बंटी शाही ने गंगा के तटवर्ती इलाकों का जायजा लिया एवं जनसंपर्क अभियान चलाया. इस दौरान उन्होंने लोगों को बाढ़ से सुरक्षा एवं तैयारी को लेकर विभिन्न उपायों से अवगत कराने के साथ ही साथ उन्हें बाढ़ के बाद भी आने वाली महामारी से बचाव के बारे में बताया गया. उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान नाव दुर्घटना, बीमारी समेत विभिन्न आपदाओं का खतरा हमेशा बना रहता है, जिनसे ग्रामीण जीवन बुरी तरह प्रभावित हो सकता है. इन आपदाओं को पूरी तरह समाप्त तो नहीं किया जा सकता, लेकिन विभिन्न उपायों सावधानियों से उनके प्रभाव को कम अवश्य किया जा सकता है. डॉ श्रवण ने कहा कि बाढ़ के दौरान आयी आपातकालीन स्थिति को अधिक तत्परता से क्रियान्वित किया जाना आवश्यक होता है. बालू से भरी बोरियों की सहायता से जल अवरोध का निर्माण किया जाना सर्वाधिक प्रचलित है. यह कार्य प्रशासन द्वारा ससमय पूरा किया जा चुका है.
उन्होंने बताया कि बाढ़ के दौरान लोगों को स्वास्थ्य को लेकर अत्याधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता होती है. बाढ़ के पानी के संपर्क में आई खाद्य सामग्रियों का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए. बाढ़ से प्रभावित खाना बनाने की गैस एवं बिजली उपकरणों का उपयोग भी नहीं करना चाहिए. वाहन द्वारा कहीं भी बाहर जाने से पहले सुरक्षित मार्गो से संबंधित सूचना ले लेना चाहिए. पानी की गहराई एवं वेग का आकलन किए बिना पानी में कदापि नहीं उतरना चाहिए. उन्होंने कहा कि चेतावनी एवं सुझाव के लिए रेडियो या टीवी अवश्य देखते रहें. अफवाहों पर ध्यान ना दें और घबराएं नहीं. सूखे भोज्य पदार्थ, कपड़े, पेयजल इत्यादि तैयार रखें. बैलगाड़ी, कृषि उपकरण, सामान्य मशीन और पालतू जानवर को ऊंची और सुरक्षित जगह पर ले जाएं. बाढ़ के दौरान उबला हुआ पानी पिए. खाना ढक कर रखें. ज्यादा खाना ना खाएं एवं हल्का भोजन करें. चाय या चावल का पानी, नारियल का पानी आदि दस्त के समय सेवन करें. साथ ही साथ बच्चों को भूखा ना रहने दें. उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान गहराई में गड़े चापाकल का ही पानी पिए तथा यह भी ध्यान रखें कि वह चापाकल ऊंचाई पर हो. क्लोरीन टेबलेट की एक गोली 20 लीटर पानी में डाल कर 30 मिनट के बाद पानी पिए. सामान्य चापाकल को हर 20-30 दिन के अंतर पर 30-40 ग्राम ब्लीचिंग पाउडर से शुद्ध करें. कोशिश करें कि पानी उबालकर ही पिए. पीने के पानी और भोजन को ढक कर रखें. उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान आत्म सुरक्षा का भी ख्याल रखा जाना बहुत आवश्यक है. सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें. सूखे धोती व हल्के कपड़े पहने, घर में उचित प्रकाश की व्यवस्था रखें. बाढ़ के दौरान विषैले जीव जंतु अधिक संख्या में विचरण करते रहते हैं. सांप काटे व्यक्ति को तुरंत अस्पताल ले जाए तथा उसका हौसला बनाए रखें. साथ ही साथ बाढ़ के दौरान नाव यात्रा करने के समय नाविकों के निर्देशों का पालन अवश्य करें. बाढ़ के दौरान साफ-सफाई की भी अधिक आवश्यकता होती है. जिसके लिए स्वच्छ के बाद राख या मिट्टी अवश्य डालें बच्चों के शौच को तत्काल राखी या मिट्टी से ढक दें और उन्हें गड्ढे में ही डालें शौच के बाद सदैव साबुन से हाथ धोएं. बाढ़ के पानी में डूबे व्यक्ति को पानी से निकाले जाने के बाद मुंह में यदि कुछ फंसा हो तो निकाल कर पीठ के सहारे लिटा दें. डूबे व्यक्ति को ऊंचे स्थान पर या घर के ऊपर पेट के बल लिटा दे. डूबे व्यक्ति को उठाकर पीट के सहारे लिटा कर आराम करने दें. मूर्छा आ जाने पर मुंह पर पानी का छींटा मारे. प्रसव के लिए गांव की आशा बहन से संपर्क करें. एंबुलेंस की सहायता से नजदीकी अस्पताल पर संपर्क करें. साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि इस बार बाढ़ से पूर्व ही इससे निपटने संबंधित सभी प्रकार की व्यवस्था रेडक्रॉस द्वारा कर ली गई है तथा आपदा के समय रेडक्रॉस सभी व्यक्तियों के साथ बढ़-चढ़कर मानवता की सेवा में समर्पित रहेगा.





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