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Buxar Top News: एसपी के इशारे पर गुंडागर्दी पर उतरी पुलिस, हाजत में युवक की जबरदस्त पिटाई, सामाजिक मर्यादा पर पहुंचा आघात तो न्यायालय में लगाई गुहार ..



जानलेवा मार की वजह से मुझे काफी चोट आई है. जिसका इलाज डॉ.धर्मवीर उपाध्याय के यहां मैंने कराया है .मुखिया पुत्र ने कहा पुलिस कप्तान के यहां से न्याय ना मिलता देख उन्होंने कोर्ट में लिखित अर्जी दायर की है.

- जान मारने की नीयत से मारपीट एवं डराने धमकाने का लगाया संगीन आरोप.
- पहले भी दी गयी थी एसपी को सूचना, नहीं हुई कोई कारवाई.

बक्सर टॉप न्यूज: पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार के नेतृत्व में बक्सर में पुलिस गुंडागर्दी पर उतर गई है  ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि कोरानसराय के मुखिया पुत्र का मानना है. उन्होंने बताया कि  10 जून को स्थानीय कचइंया पुल के पास थाना पुलिस ने पिस्टल के बल पर मुखिया पुत्र सुमित को जबरदस्ती गाड़ी में बैठा लिया एवं कच्ची रास्ते से होते हुए डुमराँव थाना ले गए. जहां हाजत में बंद कर पिस्टल एवं राइफल के बट से मुखिया पुत्र को जान मारने की नीयत से बुरी तरह मारा-पीटा गया. इस घटना की सूचना जंगल में लगी आग की तरह फैल गई एवं ग्रामीणों तक जा पहुंची ग्रामीणों का जत्था एकजुट होकर डुमराँव थाना आए एवं थाने के सामने धरना पर बैठ गए. तथा मुखिया पुत्र को छोड़ने का मांग करने लगे. अंततः पुलिस को मुखिया पुत्र से बांड भरवाकर छोड़ना पड़ा. बुरी तरह से घायल होने की वजह से मुखिया पुत्र चल-फिर नहीं सकते थे उन्हें काफी अंदरूनी चोट लगी थी. इसलिए उन्होंने डाक द्वारा रजिस्टर्ड सूचना पुलिस कप्तान को दिया और कहा कि जयप्रकाश सिंह थाना प्रभारी मेरे ऊपर झूठा आरोप  लगाकर जेल भेजना चाहते हैं. मुखिया पुत्र का कहना है कि इससे हमारी सामाजिक मान मर्यादा को गहरा ठेस पहुंचा है .जानलेवा मार की वजह से मुझे काफी चोट आई है. जिसका इलाज डॉ.धर्मवीर उपाध्याय के यहां मैंने कराया है .मुखिया पुत्र ने कहा पुलिस कप्तान के यहां से न्याय ना मिलता देख उन्होंने कोर्ट में लिखित अर्जी दायर की है .उक्त परिवाद का छायाप्रति उन्होंने बक्सर टॉप न्यूज़ को उपलब्ध करायी. उक्त परिवाद में धारा संख्या 364, 323, 504, 506, 324/34 का उल्लेख है. थाना प्रभारी जय प्रकाश सिंह का इस घटना के बारे में कहना है कि सुमित के खिलाफ 7EC का मामला दर्ज है .उसी सिलसिले में पूछताछ के लिए गिरफ्तार किया गया था एवं मारपीट का आरोप सरासर गलत है वरीय पदाधिकारियों के निर्देश पर पीआर बांड भरवाकर उन्हें छोड़ दिया गया. 

मामले में छात्र नेता सौरभ तिवारी ने बताया कि पुलिसिया गुंडागर्दी के कई उदाहरण आए दिन देखने को मिल रहे हैं. यह कोई नई बात नहीं है ऐसे नाकारा पुलिस कप्तान को जब तक से बक्सर से हटाया नहीं जाएगा तब तक बक्सर का भला नहीं हो सकता. पब्लिक पुलिसिंग की बात तो सोची नहीं जा सकती है.

















1 comment:

  1. Police ko sirf paiso se matlab hai.. .Ghuskhor. . Ye janta ki sewa kya karenge

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