Buxar Top News: बक्सर पहुँचे स्वामी कमलेश्वरानंद, नवरात्र में माँ दुर्गा के पूजन के लिए विशेष मंत्र साधना का देंगे प्रशिक्षण ..
उन्होंने कहा कि जिस तरह लोग तन की सफाई करते हैं उसी प्रकार मन की सफाई आवश्यक है. यह सफाई योग साधना, तंत्र साधना एवं मंत्र साधना से की जा सकती है.
- कहा, समृद्धि के बावजूद मृग मरीचिका की सुख में भटक रहा हैं मानव.
- मन की अध्यक्षता को मंत्र से पावन, पवित्र और निर्मल बनाया जा सकता है.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: ध्यान साधना के माध्यम से मानव जीवन को आनंदपूर्ण तरीके से जी सकता है. आज संसाधनों व भौतिक विकास के बावजूद हर व्यक्ति दुखी है. परिवार का दायरा सिमटकर छोटा हो गया है. सिमटे व छोटे परिवार में भी कलह का समावेश कायम है. छोटे परिवार से सुख मिलने की परिकल्पना मानव के अंदर बन गई है. इसके बावजूद भी जीवन में मानव के बीच सुख, शांति एवं समृद्धि का अंत हो चुका है. मानववाद मृग मरीचिका की सुख के लिए भागदौड़ कर रहा है. समृद्ध होते हुए भी दुखी है. इन माननीय समस्याओं को साधना के माध्यम से दूर किया जा सकता है. उक्त बातें ध्यान योग जन जागृति सेवा संस्थान के संस्थापक स्वामी कमलेश्वरानंद ने रामरेखा घाट बक्सर में प्रेस वार्ता के दौरान कहीं. उन्होंने कहा कि जिस तरह लोग तन की सफाई करते हैं उसी प्रकार मन की सफाई आवश्यक है. यह सफाई योग साधना, तंत्र साधना एवं मंत्र साधना से की जा सकती है. इससे हमारे अंदर की तथा मन की अस्वच्छता को दूर कर उसे पावन, पवित्र एवं निर्मल बनाया जा सकता है. माता दुर्गा व मां कात्यायनी का ध्यान साधना करने से मन की अशुद्धियां तथा मानवीय दुष्ट प्रवृत्तियों का नाश होता है. मानव के अंदर काम, क्रोध, मद, लोभ जैसे दुष्ट प्रवृत्ति प्रबल हो चुकी है जो दूर होंगे. बक्सर में उच्च कोटि की दीक्षा साधना श्री राम को प्राप्त हुई है. जिसके बदौलत उन्होंने आसुरी शक्तियों एवं दुष्टों का नाश किया था.
वहीं ब्रह्मप्रिया नम्रता कमलिनी ने बताया कि जीव ब्रह्म व ईश्वर के बिना अधूरा है. जीव की मांग आनंद एवं परम सुख प्राप्त करने से है. यह सद्गुरु के प्रति समर्पण से प्राप्त होता है. आज भी वायुमंडल में राम और विश्वामित्र की वह ऊर्जा कायम है. उस ऊर्जा को कोई भी मानव मंत्र साधना से धारण कर सकता है. मानव को जो भी कठिनाई इस भौतिकवादी व विकास के युग में हो रही है वह केवल तृष्णा की वजह से हो रही है. मानवता को आनंद से पूर्ण एवं सुखी होने के दीक्षा, ध्यान साधना, मंत्र साधना एवं तंत्र साधना जैसे कई साधन है.
आज से रामरेखा घाट पर बहेगी भक्ति की रसधार, माँ दुर्गा पूजन के विशेष मंत्रों के जाप का देंगे प्रशिक्षण:
बक्सर के रामरेखा घाट पर आज से 2 दिनों तक भक्ति की धारा प्रवाहित होगी. जिसमें जिले के साथ ही समीपवर्ती जिला के भक्तजन भक्ति की रसपान करने के लिए देर शाम तक पहुंचते रहे. आयोजन रामरेखा घाट पर 6 एवं 7 अक्टूबर को किया गया है. कार्यक्रम को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है. जहां नवदुर्गा की छठवी महाशक्ति भगवती कात्यायनी की दीक्षा कार्यक्रम आयोजित होगा. कार्यक्रम को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है. मां गंगा के तट पर निर्मल जल की कल कल ध्वनियों के बीच तंत्र मंत्र एवं योग साधना से किस प्रकार अपने तन एवं अंतर्मन को शुद्ध करें, आराधना करें, इसकी जानकारी भक्तों को दी जाएगी. 2 दिनों तक ध्यान योग जन जागृति सेवा संस्थान के परम पूज्य गुरु स्वामी कमलेश्वरानंद के मुखारविंद से भक्ति की रसधार बहेगी. स्वामी कमलेश्वरानंद ने कहा कि नवरात्र में मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए विशेष प्रकार के मंत्र के जाप का प्रशिक्षण भी श्रद्धालुओं को दिया जाएगा.
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