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Buxar Top News: बक्सर आश्रम एवं केसठ में धूमधाम से मनाया गया अन्नकूट महोत्सव ..

यहां विधिवत आरती और पूजन के बाद प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण और जानकी को 56 प्रकार के पकवानों का भोग लगाया गया

- वर्षों से चली आ रही परंपरा का विधि विधान से हुआ निर्वहन

- मौजूद रहे गणमान्य लोग तथा विभिन्न ग्रामों के ग्रामीण.



बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुरूप नया बाजार स्थित श्री सीताराम विवाह आश्रम में गुरुवार को पूरे धूम-धाम के साथ अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया गया. इस दौरान आश्रम के अंदर मौजूद श्रीराम-जानकी मंदिर में भगवान को 56 प्रकार के भोग चढ़ाए गए.  वहीं इस मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान का प्रसाद ग्रहण किया.

प्रत्येक वर्ष आयोजित किए जानेवाले इस उत्सव के दौरान सुबह से ही भजन और कीर्तन किए जाते रहे. वहीं दोपहर में श्रीराम-जानकी का भव्य श्रृंगार किया गया. जिसके बाद भगवान को 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया. तथा श्रीराम-जानकी की आरती उतारी गई. इस सारी प्रक्रिया के दौरान आश्रम के महंत श्री राजाराम शरण दास जी महाराज स्वयं एक-एक गतिविधि में शामिल रहे. और अपने हाथों से भगवान को भोग लगाने के बाद भगवान की आरती उतारी. मौके पर उन्होंने बताया कि देवराज इंद्र के दंभ को तोड़ने के लिए ही साक्षात नारायण को प्रकट होना पड़ा था. तब भगवान को 56 प्रकार के भोग चढ़ाए गए थे. चुकी इतनी अधिक संख्या में खाद्य पदार्थों का निर्माण करना किसी एक के वश का नहीं था. इसलिए हर गोपी के घर से एक-एक व्यंजन बनाकर भगवान को चढ़ाया गया था. तभी से हर वर्ष यह उत्सव पूरे धूम-धाम से मनाने की परंपरा चली आ रही है. इस अवसर पर शहर के गणमान्य लोगों के साथ हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान को भोग लगाए गए प्रसाद ग्रहण किए.


केसठ राम जानकी मंदिर में हुआ अन्नकूट, भगवान को लगाया गया 56 व्यंजनों का भोग: 

केसठ प्रखंड के दंगौली गांव स्थित राम जानकी मंदिर में हर साल की तरह इस साल भी अन्नकूट का पर्व बड़ी धूम-धाम से मनाया गया. यहां विधिवत आरती और पूजन के बाद प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण और जानकी को 56 प्रकार के पकवानों का भोग लगाया गया. इस दौरान यहां के के भक्तों की जय-जयकार से दंगौली का राम जानकी मंदिर गूँज उठा. इस अवसर पर गांव तथा आस पास के क्षेत्रों के सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे, जिन्होंने इन पकवानों को प्रसाद के रुप में ग्रहण किया.

यहाँ है एक और मान्यता: 

केसठ में इस महोत्सव को लेकर एक और मान्यता है. इस मान्यता के अनुसार भगवान श्रीराम ने वनवास के दौरान 14 वर्षों तक केवल कंदमूल और फल पर ही गुजारा किया था. उनकी वापसी के बाद अयोध्यावासी उन्हें पकवान खिलाकर वह कमी पूरी करना चाहते थे, इसलिए उनके आगमन पर पहले दीपावली मनाई जाती है और दूसरे दिन अन्नकूट पर्व पर भगवान को 56 प्रकार के व्यंजन बनाकर उन्हें भोग लगाया जाता है. मंदिर के व्यस्थापक राम किकंर सिंह उर्फ भिखारी सिंह ने बताया कि, इस मंदिर कि स्थापना सन् 1955 में रामनवमी के दिन हुई थी. तब से हर साल दीपावली के अगले दिन भगवान को 56 भोग लगा अन्नकूट का पर्व मनाया जाता है. तथा हर साल रामनवमी में भगवान राम का जन्मोत्सव तीन दिवसीय प्रवचन, भजन और कीर्तन के साथ बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता हैं.

कार्यक्रम में पूर्व चेयरमैन अरविन्द कुमार उर्फ गामा पहलवान, जितेन्द्र पहलवान, मनोज चौकिदार, गुप्तेश्वर सिहं, सत्येन्द्र टावर, दिनेश कुमार, सोनू सिंह, शिवेन्द्र प्रताप सिंह समेत क्षेत्र के सैकड़ों लोग शामिल हुए तथा सभी ने 56 भोग प्रसाद ग्रहण किया.

–बक्सर से आई के भंडारी एवं केसठ से सोनू सिंह की रिपोर्ट























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