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नारी के अबला से सबला बनने की कहानी है फ़िल्म छोटकी ठकुराइन: निर्माता

उन्होंने छोटकी ठकुराइन फिल्म के द्वारा समाज में नारियों की स्थिति तथा उनकी प्रताड़ना एवं शोषण को दर्शाया है. साथ ही साथ यह भी दिखाया है कि, कैसे एक अबला सबला बनकर समाज को एक नया संदेश दे सकती है. 

फिल्म के पोस्टर दिखाते हैं निर्माता व अन्य
- भागलपुर के है फिल्म के निर्माता सामाजिक संदेश देने वाले फिल्मों का करते हैं निर्माण
- बिहार विधानसभा अध्यक्ष ने भी की है फिल्म की तारीफ़

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नारी सशक्तिकरण और शराबबंदी पर आधारित रानी चटर्जी अभिनीत भोजपुरी फिल्म छोटकी ठकुराइन फिल्म के प्रमोशन के लिए फिल्म के निर्माता व सामाजिक कार्यकर्ता आशुतोष कुमार सिंह समेत पूरी टीम बक्सर पहुंची जहां पत्रकारों के सामने निर्माता ने बताया कि, वह मूल रूप से बिहार के भागलपुर के रहने वाले हैं तथा वर्तमान में मुंबई में रहते हैं. उन्होंने छोटकी ठकुराइन फिल्म के द्वारा समाज में नारियों की स्थिति तथा उनकी प्रताड़ना एवं शोषण को दर्शाया है. साथ ही साथ यह भी दिखाया है कि, कैसे एक अबला सबला बनकर समाज को एक नया संदेश दे सकती है. 

उन्होंने बताया कि, बिहार के कलाकार और रंगकर्मियों ने ने मिलकर यह फिल्म बनाई है जो बिहार में सिनेमा को आगे बढ़ाने का काम करेगी. साथ ही साथ यह पहली ऐसी भोजपुरी फिल्म होगी जो कि, अश्लीलता मुक्त तथा द्विअर्थी गानों से मुक्त होगी. इस फिल्म को एक साथ पूरा परिवार बैठकर देख सकता है. उन्होंने बताया कि इसी तरह की फिल्मोंं का निर्माण करते हैं जिससे कि समाज को एक सार्थक संदेश मिले.

उन्होंने बताया कि, छोटकी ठकुराइन फिल्म का प्रीमियर शो पटना के वीणा सिनेमा हॉल में आयोजित किया गया था जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, मंत्री श्याम रजक और जय कुमार सिंह शामिल हुए. मौके पर विधानसभा अध्यक्ष ने इस फिल्म को गौरवान्वित करने वाला बताया. मौके पर निर्माता के साथ-साथ डायरेक्टर संत दुरानी गुड्डू सिंह समेत फिल्म से जुड़े कई लोग मौजूद रहे.













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