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Buxar Top News: 2017 में पुलिस होगी संसाधनों से लैस,बढ़ती आपराधिक घटनाओं पर होगा नियंत्रण ...


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: भले ही सरकार पुलिस महकमे को हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराने का दावा कर रही हो, लेकिन यहां पुलिस संसाधनों की कमी की समस्या से जूझ रही है। पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की कमी से लेकर अन्य संसाधनों का अभाव पुलिस विभाग को हमेशा खटकता रहता है। सुरक्षा बलों की संख्या में कमी का असर सुरक्षा व्यवस्था पर भी पड़ रही है।

आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2016 में आपराधिक घटनाओं में इजाफा हुआ। हत्या, लूट, तथा अपहरण की कई चर्चित घटनाएं हुई। जाहिर है आम लोगों में सुरक्षा के प्रति चिंता दिखी। आम लोग पुलिस की वर्तमान सुरक्षा व्यवस्था से संतुष्ट नजर नहीं आ रहे। खुद पुलिस के अधिकारी भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि आबादी के अनुपात में यहां जवानों की भारी कमी है। ऐसी बात भी नहीं कि सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस के आला अधिकारी सक्रिय नहीं हैं। सुरक्षा प्रबंध को बढ़ाने के लिए प्रयास किए गए। कई कांडों का पुलिस ने उद्भेदन किया। अत्याधुनिक हथियारों के साथ अपराधी पकड़े भी गए। लेकिन इस बीच आपराधिक घटनाएं भी होती रही। आपराधिक आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2016 में लगभग 5000 आपराधिक मामले प्रतिवेदित किए गए। इनके अनुसंधान के लिए भी अधिकारी कम पड़े। यहीं कारण रहा कि इनमें से आधे से अधिक वादों में अबतक आरोप पत्र दाखिल नहीं हो सका। आंकड़ों की मानें तो कांड का अनुसंधान जल्द पूर्ण करने के प्रशासनिक दबाव के बीच कई घटनाओं में पुलिस ने घटना को सत्य लेकिन सूत्रहीन बताकर अंतिम प्रपत्र सौंप दिया।
उक्त बातें आरटीआई एक्टिविस्ट अमित राय ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही।


बढ़ी साइबर क्राइम की घटनाएं

बक्सर: साइबर आपराधिक मामलों में पुलिस के जांच की रफ्तार सुस्त होने के कारण एटीएम का इस्तेमाल करने वाले लोग भी बैंक में जमा धनराशि को लेकर भी चिंतित दिखते हैं। हद तो यह कि सैकड़ों उपभोक्ताओं ने खाते में जमा राशि गायब होने के डर से इसका इस्तेमाल ही कम कर दिया। पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि वर्तमान वर्ष में साइबर क्राइम की घटनाओं में रिकार्ड वृद्धि दर्ज की गई। इनमें से अधिकांश मामलों का उद्भेदन करने में पुलिस सफल नहीं हो सकी।


बैंकों की सुरक्षा में भी छेद

बक्सर : वर्तमान समय में बैंकों की सुरक्षा भी ईश्वर के भरोसे दिखती है। बैंकों में चंद सुरक्षा गार्ड तथा चौकीदारों के भरोसे यहां सुरक्षा के दावे किए जाते हैं। यह बात अलग है कि इस साल बैंकों में किसी तरह की बहुत बड़ी घटना नहीं हुई। हां, बैंकों में चोरी के प्रयास तथा ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक को लूटे जाने की घटनाएं जरूर हुई। पुलिस बैंकों की सुरक्षा को लेकर कुछ अधिक ही चिंतित है।


चौक-चौराहे पर नहीं लगे कैमरे

अमित राय ने विज्ञप्ति में कहा है कि, सुरक्षा के मद्देनजर करीब डेढ़ साल पूर्व शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की कवायद शुरू की गई थी। इसके तहत नगर के चिन्हित किए गए 13 स्थानों पर कैमरा लगाने का दावा हुआ। लेकिन आजतक इन स्थानों पर कैमरे नहीं लगे। कैमरे की योजना आज भी पुलिस की संचिका में ही सिमट कर रह गई है। सुरक्षा प्रबंध के नाम चिन्हित किए गए थानों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया गया, लेकिन दुर्भाग्य की यह कार्य आजतक पूरा नही हुआ।

हद तो यह कि सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी कैमरों को लगाए जाने की दिशा में सार्थक प्रयास तक नहीं किया गया।


उम्मीद 2017

वर्ष 2017 में पुलिस को संसाधन उपलब्ध कराए जाने की उम्मीद बढ़ी है। वर्ष 2016 के दौरान कई थानों में नए थाना भवन बनाने का कार्य किया गया। ऐसे में उम्मीद है कि इस वर्ष तक सभी थानों का अपना भवन होगा और पुलिस को आधुनिक संसाधन भी उपलब्ध होंगे। ताकि पुलिस को आपराधिक मामलों के अनुसंधान में अपेक्षित सहयोग मिल सके।




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