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Buxar Top News: जय माँ काली के जयघोष से भक्तिमय हुआ वातावरण, धूम-धाम से मनाया गया वार्षिकोत्सव ...


माँ काली का भव्य दरबार 





















बक्सर टॉप न्यूज़: श्रावण शुक्ल की सप्तमी तिथि को बक्सर जिले के डुमरांव राजगढ़ स्थित नगर पंचित काली मंदिर में माँ काली के वार्षिकोत्सव पर धूमधाम से पूजा-अर्चना की गई। इस अवसर पर सुबह से शाम तक भक्तजनों द्वारा पूजा-अर्चना की गयी | इस दौरान माँ काली के जयघोष से पूरे इलाके में आध्यात्मिक धारा का प्रवाह हो रहा था | वार्षिकोत्सव पर मंदिर को बहुत ही भव्य तरीके से सजाया गया था। जिसकी छटा देखते ही बन रही थी |
पूजा करते श्रद्धालु 

हजारों की संख्या में आए श्रद्धालु भक्तों ने विशेष पूजा-अर्चना के साथ माँ के दर्शन किए | मंदिर के पुजारी पं. ललन मिश्रा ने बताया कि श्रावण मास में सप्तमी तिथि को शक्ति स्वरूपा की पूजा-अर्चना तथा दुर्गा सप्तशती पाठ करने से श्रद्धालुओं की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। 
बताया जाता है कि सैकड़ों वर्ष पूर्व से यहां नगर पंचित मां काली का वार्षिकोत्सव प्रतिवर्ष इस तिथि को उमंग, उत्साह तथा भक्तिपूर्ण माहौल में परंपरागत ढंग से मनाया जाता है। । मातारानी के वार्षिकोत्सव पर महिलाओं द्वारा एक हाथ से गेहूं के आटे को गूंथकर कच्ची रोटी तैयार की जाती है और माता को प्रसाद चढ़ाया जाता है।
पं.ललन मिश्रा ने बताया कि शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध इस देवी मंदिर का निर्माण सैकड़ों वर्ष पूर्व कांव नदी के तट पर बहेलियां समाज के द्वारा किया गया था | बाद में जैसे-जैसे नगर की आबादी बढ़ती गई। यहां श्रद्धालुओं द्वारा भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया |

काली आश्रम तथा राजगढ़ काली मंदिर के बाहर एक दिन पहले से ही मेला का नजारा देखने को मिला। पूजा समितियों द्वारा आकर्षक ढंग देवी मंदिरों को सजाया गया था। ध्वनि विस्तारकों के माध्यम से मातारानी के जयघोष तथा मंत्रोच्चारण से पूरा नगर गुंजायमान रहा। नगर सहित इलाके के कई गांवों से भी लोग पूजा-अर्चना के लिए शामिल हुए।

वार्षिकोत्सव के दौरान पूजा समिति के भगवान जी वर्मा, अशोकजी, कृष्णा, लव कुमार, सीताराम, संतोष गुप्ता, दिलीप यादव,  दिलीप पाठक, राहुल, रोहित, अंकित, कुंदन, बंधन वर्मा, विक्की, धर्मेन्द्र सिंह, रंजन, सुमित, के अतिरिक्त सभी श्रद्धालु भक्तों ने विशेष सहयोग से कार्यक्रम को सुव्यवस्थित बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई | 
इस प्रकार सजाया गया माँ के दरबार आने वाले पथ को 





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