Header Ads

Buxar Top News: अस्पताल में सबकुछ ठीक है ... महिला की जान पर बनी तो भूख हड़ताल पर बैठे परिजन !

भूख हड़ताल पर बैठा युवक 



बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सदर अस्पताल में सब कुछ ठीक है ! और जो नहीं है वह इसलिए क्योंकि कुछ व्यवस्थाएं आउटसोर्सिंग पर पर हैं | ऐसा हम नहीं कह रहें यह कहना है अस्पताल प्रबंधक दुष्यंत कुमार का |



दरअसल बिजली की किल्लत झेल रहे रोगियों के बाबत खबर लिखे जाने के बाद उन्होंने इसी प्रकार अपनी सफाई दी थी | उन्होंने यह भी कहा कि जेनरेटर, भोजन तथा साफ़ सफाई की व्यवस्थाओं में अनियमितताओं की सूचना वरीय पदाधिकारियों को भी दी गयी है मगर उनकी तरफ़ से कोई संज्ञान नहीं लिया गया |


यहाँ तो बात हुई आउटसोर्सिंग पर ली जा रही सेवाओं की, लेकिन शुक्रवार को लापरवाही का एक ऐसा मामला सामने आया जिसके लिए आउटसोर्सिंग का रोना नहीं रोया जा सकता | अस्पताल में चिकित्सकों की लापरवाही के कारण एक महिला की जान पर बन आयी | दरअसल, गुरुवार की दोपहर से अस्पताल में भर्ती एक महिला गर्भवती महिला को सिजेरियन के नाम पर देर शाम आठ बजे तक रोका गया | परिजनों ने बताया कि रात आठ बजे के बाद अस्पताल पहुंची महिला चिकित्सक डॉ. मधु ने महिला की स्थिति ख़राब बताते हुए निजी चिकित्सालय में ले जाने की बात कही अचानक से महिला चिकित्सक की यह बात सुनकर महिला के परिजन परेशानी में पड़ गए | काफी अनुयय-विनय करने के बाद भी महिला चिकित्सक ने उक्त महिला का इलाज करने से मना कर दिया | इस बात को लेकर उन्होंने अस्पताल प्रबंधक से भी कई बार गुहार लगाई लेकिन उन्होंने भी परिजनों की एक न सुनी |


आनन-फानन में परिजनों ने महिला को कोईरपुरवा स्थित डॉ. गीता मंडल के निजी चिकिसालय में भर्ती कराया जहाँ सिजेरियन के ही माध्यम से एक स्वस्थ बच्चे का जन्म हुआ, लेकिन ज्यादा देर तक प्रसव पीड़ा को झेल चुकी महिला की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है |


इस सम्पूर्ण घटनाक्रम के बाद परिजनों ने आरोप लगाया कि महिला चिकित्सक ने जान-बूझ कर काम से बचने के लिए उन्हें अन्यत्र रेफर कर दिया | दरअसल, गर्भवती महिला कैमूर जिले के सिंतावनपुर, गाँव के रहने वाले जितेन्द्र कुमार अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर सदर अस्पताल आये हुए थे | उनके साथ कैमूर जिले के ही नुआंव प्रखंड स्थित सातोएवटी गाँव के रहने वाले  उनके एक मित्र अभिषेक सिंह भी आये हुए थे | अस्पताल में चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अभिषेक सुबह से ही अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं |


हमारे संवाददाता से बात करते हुए अभिषेक ने बताया कि सदर अस्पताल के चिकित्सकों तथा प्रबंधन का रवैया लापरवाही भरा है | यहाँ महिला रोगियों को नर्सों के भरोसे ही छोड़ दिया जाता है | उन्होंने बताया कि उनके मित्र की पत्नी को भी एक नर्स के कहने पर ही महिला चिकित्सक ने अन्यत्र रेफर कर दिया | उन्होंने आशंका जताई कि अस्पताल में कार्यरत चिकित्सकों की डिग्री भी फर्जी हो | उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि वह तबतक भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे जब तक कि अस्पताल प्रबंधन व्यवस्थाओं में सुधार नहीं करता |


अस्पताल प्रबंधक दुष्यंत कुमार ने आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए इनको पूरी तरह से बेबुनियाद बताया | उन्होंने कहा कि अस्पताल में फिलहाल सबकुछ ठीक है |
वहीँ इस बाबत सिविल सर्जन से सम्पर्क करने की कोशिश की गयी तो उनका फोन स्वीच ऑफ मिला | 




No comments