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Buxar Top News: एसपी के दुर्व्यवहार पर आरटीआई कार्यकर्ता की चुनौती, जोश में होश न खोइए एसपी साहब ...



आरटीआई कार्यकर्ता से दुर्व्यवहार पर निकाला गुस्सा फेसबुक पर किया पोस्ट. 



- एसपी पर कथित रूप से दुर्व्यवहार करने का आरोप.
- अवार्ड विनर आरटीआई कार्यकर्ता हैं शिव प्रकाश राय.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: अपराध नियंत्रण के लिए जघन्य घटनाओं में तुरन्त कार्रवाई करते हुए अपराधियों को पकड़ा जाना चाहिए. अपराधियों में पुलिस का भय होना चाहिए ताकि वे अपराध से दूर रहें. कुछ ऐसी ही उम्मीद पुलिस से की जाती है. लेकिन बक्सर पुलिस कुछ दिनों से इसके ठीक विपरीत परिस्थिति देखी जा रही है. अपराधी बेखौफ घूमते रहते हैं और आए दिन तरह-तरह के घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. 

दूसरी तरफ बक्सर पुलिस पर अपराध नियंत्रण को छोड़ मासूम जनता को ही हड़काने के आरोप लग रहे हैं. हालांकि, इसके बाद भी लोग इनसे उलझना नही चाहते, पुलिस वालों से दूरी बनाकर रहना ही ठीक समझते हैं. आये दिन पुलिस वाले कुछ न कुछ ऐसा कार्य करते रहते हैं जिससे नए-नए विवाद जन्म लेते रहते हैं.
इसी क्रम में इस बार बक्सर पुलिस के कप्तान राकेश कुमार द्वारा आरटीआइ एक्टिविस्ट से अभद्र व्यवहार किये जाने का मामला सामने आया है.

क्या है मामला?

आरटीआई कार्यकर्ता एवं युवा समाजसेवी अमित राय ने बताया कि बुधवार को आरटीआई एक्टिविस्ट शिवप्रकाश राय के एक RTI अपील में सुनवाई के दौरान एसपी राकेश कुमार उनसे अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे थे. जबकि श्री राय एक RTI एक्टिविस्ट होने के साथ-साथ एक बुजुर्ग जिम्मेवार नागरिक भी है. परंतु एसपी साहब को उनके उम्र का भी तनिक भी लिहाज नही रहा.अपील में सुनवाई के दौरान श्री राय को "तुम" कह कर ही संबोधित कर रहे थे. वहीं दूसरी तरफ आरटीआई कार्यकर्ता ने पूरी शिष्टता के साथ उनकी बदतमीजी का प्रतिवाद किया. 

पाठकों को बता दे की शिवप्रकाश ने आरटीआई से बिहार में कई मामलो का खुलासा किया और दोषियों पर कार्रवाई भी हुई.

इस मामले पर आरटीआई एक्टिविस्ट समाजसेवी अमित राय ने कहा कि बक्सर एसपी जैसे अधिकारी ही अपने पद की गरिमा के प्रतिकूल आचरण कर लोगों के मन में पुलिस-प्रशासन के प्रति अविश्वास और घृणा पैदा करते हैं. एसपी के इस कृत्य से साफ जाहिर होता है कि इन्हें अपने पद के गरिमा का बिल्कुल भी समझ नही है, साथ ही साथ ये संस्कार विहीन भी हैं. जनता के पैसों से घर चलाने वाले अधिकारी खुद को जनता का मालिक समझने के भ्रम में रहते हैं, जबकि इन्हे मालूम होना चाहिए कि भ्रम अंधकारमय होता है. एस पी साहब हर माह अपनी ड्यूटी के लिए सैलरी लेते हैं जबकि हम निःस्वार्थ रुप से समाज की सेवा करते हैं. इस दौरान कभी कोई नेता या मंत्री धमकाता है तो कभी कोई अधिकारी और कई प्रकार के माफ़िया.लोकतंत्र में किसी भी अधिकारी को  आरटीआई कार्यकर्ताओं से या कहें तो किसी भी व्यक्ति से बदतमीजी करने का अधिकार नही है, अगर कोई अधिकारी ऐसा करता है तो उसपर उचित कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है. अमित राय ने बताया कि शिवप्रकाश राय ने मानवता को ध्यान में रखते हुए तथा एसपी राकेश कुमार के युवा होने के चलते इस गलती को लेकर विभागीय वरीय अधिकारियों से शिकायत नहीं की है. जबकि शिकायत करनी चाहिये थी. हालांकि एक बात स्पष्ट है कि यदि पुनः किसी भी सामाजिक कार्यकर्ता से ऐसा दुर्व्यवहार का मामला सामने आया तो इनपर कानूनी कार्रवाई के लिये शिकायत करने को हम बाध्य होंगे. एसपी राकेश कुमार को तत्काल इसके लिये सार्वजनिक रूप से बुजुर्ग आरटीआई कार्यकर्ता से माफी मांगनी चाहिए.














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