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Buxar Top News: डुमराँव में प्रश्नपत्र वायरल मामले में दूसरा आरोपी गिरफ्तार, मास्टरमाइंड को पकड़ पाने में पुलिस विफल, सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा प्रशासन की है मिलीभगत ..

"प्रशासन के  सभी सुरक्षा व्यवस्था के दावों को धता बताते हुए परीक्षा से पूर्व ही प्रश्न पत्र व्हाट्सएप पर पर वायरल हो जा रहे हैं.

- परीक्षा के पूर्व ही वायरल हो जा रहे हैं प्रश्न पत्र.
- केंद्रों के अंदर पहुंच जा रहे हैं मोबाइल सुरक्षा व्यवस्था भी संदेह के दायरे में.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: मैट्रिक परीक्षा के दौरान  प्रशासन के  सभी सुरक्षा व्यवस्था के दावों को धता बताते हुए परीक्षा से पूर्व ही  प्रश्न पत्र व्हाट्सएप पर पर वायरल हो जा रहे हैं. व्हाट्सएप्प पर प्रश्रपत्र लीक मामले में डुमरांव पुलिस ने शनिवार को दूसरे आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. आरोपी की गिरफ्तारी शुक्रवार को डीके कॉलेज परीक्षा केंद्र के नजदीक से की गयी है. आरोपी के मोबाइल की गहनता से छानबीन करने के बाद परीक्षा के मजिस्ट्रेट सहकारिता पदाधिकारी मो0 मकसूद आलम ने प्राथमिकी दर्ज कराई है. आरोपी की पहचान सिमरी थाना क्षेत्र के डुमरी गांव निवासी नथुनी यादव के पुत्र सुभाष यादव के रूप में की गयी है. पुलिस आरोपी के मोबाइल व बाइक को जब्त किया है. इस मामले में पुलिस मास्टरमाइंड की तलाश शुरू कर दी है. लेकिन अभी भी वह पुलिस की पहुंच से बाहर है. बता दें कि गुरुवार को एसएम कॉलेज के समीप इस मामले में पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया था. जांच के दौरान गिरफ्तार युवक के मोबाइल पर सामाजिक विज्ञान का प्रश्नपत्र मिला. इस मामले में पुलिस ने युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ की. पूछताछ के दौरान पुलिस को कई अहम सुराग मिला है. पुलिस इस मामले में कार्रवाई तेज कर दी. प्रश्नपत्र वायरल मामले को लेकर एसएम कॉलेज में मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात प्रखंड कल्याण पदाधिकारी संतोष कुमार सिंह ने युवक के खिलाफ डुमरांव थाने में मामला दर्ज कराया था. जिसके बाद पुलिस आरोपी को जेल भेज दिया. आरोपी की पहचान भोजपुर के अगिआंव बाजार स्थित रघुवीर टोला निवासी वीरेंद्र चौधरी के पुत्र संतोष कुमार के रूप में हुई है. 
बताते चलें कि इन दिनों मैट्रिक की परीक्षा शुरू होने से पूर्व ही व्हाट्सएप एवं अन्य सोशल प्लेटफार्म पर प्रश्न पत्र वायरल हो जा रहे हैं. जबकि परीक्षा केंद्रों में परीक्षार्थियों के के साथ-साथ शिक्षकों को भी मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं है. सामाजिक कार्यकर्ता अख्तर अंसारी ने कहा  कि आखिर कैसे इतनी सख्ती के बावजूद भी परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल कैसे पहुँच जा रहे हैं इसका जवाब तो जिला प्रशासन ही सही-सही तौर पर दे पाएगा. लेकिन सभी बातें एक ही ओर इशारा करती है कि प्रश्न पत्र वायरल मामलों में प्रशासन की मिलीभगत तो है ही..










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