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Buxar Top News: एनिमल वेलफेयर बोर्ड के द्वारा बक्सर में की गई छापेमारी, बेहद ही बुरी अवस्था में मिली 162 गायें ..



विभाग को लिखित रुप से कई बार या शिकायत मिली थी कि इस इलाके में पशुओं के साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार करते हुए पशुओं की सप्लाई बांग्लादेश तक की जाती है

- पशु क्रूरता अधिनियम के अंतर्गत दर्ज कराया जा रहा है मामला
- पशु क्रूरता के मिले पुख्ता प्रमाण, खुली धूप में भूख-प्यास से तड़प रही थी गायें.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: औद्योगिक क्षेत्र के बड़की सारीमपुर में सोमवार को एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया के आठ सदस्यीय टीम ने औद्योगिक और नगर थाना पुलिस के सहयोग से छापेमारी की. छापेमारी में टीम ने नगर थाना एवं औद्योगिक थाना पुलिस का भी सहयोग लिया गया.

टीम के सदस्यों में शामिल ऑफिसरों में शामिल दिल्ली से आई आर्ची वर्मा तथा मुम्बई से आए राकेश पांडेय ने बताया कि विभाग को लिखित रुप से कई बार या शिकायत मिली थी कि इस इलाके में पशुओं के साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार करते हुए पशुओं की सप्लाई बांग्लादेश तक की जाती है. इस बात की जानकारी मिलते हैं मुंबई हैदराबाद तथा दिल्ली के आठ सदस्यीय टीम का गठन कर छापेमारी की गई. छापेमारी के दौरान पाया गया कि सारीमपुर इलाके के रहने वाले फारुख जख्मी नामक व्यक्ति के अहाते में 162 गायों को बहुत ही बुरी अवस्था में रखा गया है. उनको रखने के लिए ना तो शेड की व्यवस्था थी और ना उनके खाने पीने का उचित प्रबंध किया गया था. मारे प्यास के गायें परेशान थी. इस स्थिति को देखकर जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा को गायों की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए उनके पीने के लिए अग्निशामक विभाग के टैंकर से पानी मंगवाया गया, तब जाकर कहीं वहां मौजूद गायों की प्यास बुझाई गई. वहां मौजूद हर गाय के शरीर पर जख्म के निशान थे. वहीं एक गाय की स्थिति मरणासन्न हो गई थी. जिसका इलाज के लिए इटाढ़ी से पशु चिकित्सक को बुलाया गया. मौके पर मौजूद 162 गायों को कब्जे में ले लिया गया हालांकि, मौके से पशु व्यवसाय फारुख जख्मी फरार हो चुका था.

स्थानीय सूत्रों की माने तो फारुख जो कि पशुओं का व्यवसायी है. वह दुधारु गायों को तो बेच देता है, मगर जिन गायों के स्थिति दूध देने लायक नहीं होती हैं उन्हें गौ तस्करों के हवाले करते हुए बांग्लादेश भेज दिया जाता है. हालांकि, जांच में आई टीम को इस गौमांस तस्करी के कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिले, लेकिन पशुओं से क्रूरता बरतने के आरोप में मामले में पशु क्रूरता अधिनियम के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है.

दूसरी तरफ भारी संख्या में मिली गायों को रखने के लिए कोई जगह न होने के कारण उन्हें उसी अहाते में रखा गया है, जहां से उनकी बरामदगी हुई है, तथा अहाते के चारों तरफ सुरक्षा कर्मियों की तैनाती कर दी गई है.















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