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Buxar Top News: जिला बाल कल्याण समिति ने नगर थानाध्यक्ष को दी चेतावनी, कहा- की जाएगी कानूनी कार्रवाई..



इलाका चूंकि नगर थाने के अंतर्गत आता है इसलिए नगर थानाध्यक्ष की जिम्मेदारी बनती है कि वह किशोर न्याय अधिनियम 2015 (संशोधित 2016) की धारा 31(1)के तहत 24 घंटे के अंदर बाल कल्याण समिति के समक्ष बच्ची को प्रस्तुत करें.

- सोहनी पट्टी इलाके में मिली थी नवजात बच्ची
- 24 घंटे के भीतर बाल कल्याण समिति को नहीं उपलब्ध कराए जाने पर लगी फटकार.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ रमेश चंद्र पांडेय ने सोहनी पट्टी में कचरे के डिब्बे में फेंकी मिली नवजात बच्चे को बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत ना करने तथा उसे इलाज हेतु अन्यत्र भेजने का आरोप लगाते हुए नगर थानाध्यक्ष को पत्र लिखकर बताया गया है, कि दिनांक 25.04.16 को सुबह सवा छह बजे गौरी शंकर मंदिर के पास एक नवजात बच्ची कचरे में फेंकी हुई थी, जिसको वहां के स्थानीय निवासी अनिल पटवा ने अपने पास रखा है. यह इलाका चूंकि नगर थाने के अंतर्गत आता है इसलिए नगर थानाध्यक्ष की जिम्मेदारी बनती है कि वह किशोर न्याय अधिनियम 2015 (संशोधित 2016) की धारा 31(1)के तहत 24 घंटे के अंदर बाल कल्याण समिति के समक्ष बच्ची को प्रस्तुत करें, लेकिन 24 घंटे से अधिक हो जाने के बावजूद बच्ची को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया और ना ही थानाध्यक्ष द्वारा समिति को कोई सूचना दी गई. जिससे कि जे.जे.एक्ट 2015 की धारा 32 का उल्लंघन हुआ है.

अपने पत्र में जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ने कहा है कि चाइल्ड लाइन के सदस्यों के द्वारा समिति को बताया गया है कि थानाध्यक्ष के द्वारा ही बच्ची को इलाज हेतु अनिल पटवा को प्रेरित किया गया.  ऐसे में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ने थानाध्यक्ष को स्पष्ट निर्देशित किया है, कि उक्त बच्ची को अनिल पटवा से विमुक्त कराते हुए बाल कल्याण समिति बक्सर को यथाशीघ्र प्रस्तुत किया जाए अन्यथा समिति बाध्य होकर धारा 34 के तहत थानाध्यक्ष के विरुद्ध कार्रवाई को बाध्य होगी.















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