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Buxar Top News: चौसा में चल रहा था अवैध पशु मेला, अनुमंडलाधिकारी ने की कारवाई, मुखिया पति समेत 18 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी, 281 पशु जप्त ..



अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू की जिसमें कई तरह की खामियां पाई गई. बगैर लाइसेंस के चलाए जा रहे इस मेले में खामियां मिलने के बाद प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार किया है 

- सदर अनुमंडलाधिकारी के नेतृत्व में की गई कार्रवाई.
- 25 वर्षों से चल रहा है अवैध पशु मेला.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर:  बक्सर के चौसा में लगने वाला पशु मेला अवैध तरीके से चलाया जा रहा था. इस बात का खुलासा तब हुआ है जब बक्सर के प्रशासनिक टीम ने छापेमारी की. बक्सर एसडीओ कृष्ण कुमार उपाध्याय के नेतृत्व में दल बल के साथ तकरीबन 12 घंटे से ज्यादा देर तक चली छापेमारी में यह बात सामने आई कि बगैर लाइसेंस के अवैध तरीके से बक्सर के चौसा पशु मेले का संचालन किया जा रहा था. मामले का खुलासा होने के बाद मुफस्सिल थाने में 18 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. बताया जा रहा है कि पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू की जिसमें कई तरह की खामियां पाई गई. बगैर लाइसेंस के चलाए जा रहे इस मेले में खामियां मिलने के बाद प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार किया है और कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने चौसा मेले से कुल 281 पशुओं को जप्त किया है. जप्त किए गए पशुओं की देखरेख और उनके खानपान को लेकर प्रशासन ने व्यवस्था मुस्तैद करने के कड़े निर्देश दिए हैं.

जानकारी के मुताबिक स्थानीय प्रेम शंकर दुबे, मुन्ना दुबे, उदय नारायण दुबे,बृज बिहारी सिंह यादव जो चौसा मुखिया आशा देवी के पति बताए जाते हैं, इसके अलावा उपेंद्र यादव, वीरेंद्र यादव, कामेश्वर चौबे ,दीनबंधु यादव, सतीश यादव ,सुधीर चौधरी ,विष्णु चौधरी शंभू मिश्र, रमेश चंद्र पांडे, झुना दुबे ,विष्णु देव दुबे, छठु यादव ,बोधा यादव और अवधेश यादव के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.  इन सभी पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत धाराएं लगाई गई हैं जिस के हिसाब से इनके ऊपर अब पुलिस कार्रवाई सुनिश्चित करेगी.

 इस खुलासे के बाद अब सवाल यह भी उठने लगा है कि आखिर बक्सर के चौसा में आयोजित होने वाला पशु मेला आखिर इतने दिनों तक अवैध तरीके से कैसे चलता रहा. इससे पहले प्रशासनिक अधिकारियों की नींद क्यों नहीं खुली और सच सामने क्यों नहीं आया। बहरहाल देर से ही सही पर प्रशासन ने सच को सामने लाया और गलत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की. जाहिर है प्रशासन के इस कार्यवाही से हड़कंप का माहौल है और इस तरह से पशु क्रूरता करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होना भी तय है. आवश्यकता इस बात की भी है कि यह पता लगाया जाए कि इस तरह के पशुओं के कारोबार में कौन-कौन से लोग शामिल हैं और इनका नेटवर्क कहां कहां तक फैला है. हालांकि सूत्र बताते हैं कि चौसा मेला से पशुओं को पश्चिम बंगाल तथा बांग्लादेश तक भेजा जाता रहा है.  हालांकि अब उम्मीद जताई जा रही है कि इस कार्रवाई के बाद प्रशासन पूरे नेटवर्क को खंगालेगा और जो लोग भी इस मामले में दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करेगा.

दूसरी तरफ इस कार्रवाई के बाद समाजवादी नेता अश्विनी कुमार वर्मा ने सदर अनुमंडलाधिकारी के इस पहल की सराहना करते हुए कहा है कि तकरीबन 25 वर्षों से जो पशु मेला लोगों की अवैध कमाई का जरिया बना हुआ था प्रशासन ने उस पर नकेल कस भ्रष्टाचारियों को माकूल जवाब दिया उन्होंने बताया कि ब्रम्हपुर मेले के अतिरिक्त जिले में किसी मेले को लाइसेंस प्राप्त नहीं है. ऐसे में यह पशु मेला प्रशासन में बैठे भ्रष्टाचारियों के लिए अवैध कमाई का जरिया बन गया था. उन्होंने कहा कि मुखिया पति अपनी दबंगई के बदौलत वर्षों से इस मेले का संचालन करता रहा. उन्होंने प्रशासन से मांग की कि ऐसे लोगों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई होनी चाहिए.
















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