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Buxar Top News: पैक्स अध्यक्ष हत्याकांड में शिवजी पांडेय समेत चार को आजीवन कारावास की सज़ा ..



अपने हंसमुख और मिलनसार स्वभाव को लेकर झमन काफ़ी लोकप्रिय और हरदिल अजीज हो गए थे. उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह दोबारा पैक्स अध्यक्ष चुने गए थे. 

- पाँच दिन पूर्व ही हो गया था दोष सिद्ध.
- सजा सुनने के बाद आरोपियों के चेहरे पर साफ दिख रही थी मायूसी.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर:  पैक्स अध्यक्ष झमन पांडेय हत्याकांड में आरोपित शिवजी पांडेय, प्रकाश रंजन मिश्रा उर्फ छोटू मिश्रा, घनश्याम पांडेय तथा शेखर सुमन पांडेय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. साथ ही साथ चारों आरोपियों के ऊपर 70-70 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है.

अलग अलग धाराओं में हुई है अलग-अलग सजा:

मामले की सुनवाई के दौरान जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वीतीय जे.एस. श्रीवास्तव के द्वारा चारों आरोपियों शिवजी पांडेय, प्रकाश रंजन मिश्रा उर्फ छोटू मिश्रा, घनश्याम पांडेय तथा शेखर सुमन पांडेय को दोषी करार दिया गया था जिसके बाद आज उन्हें सज़ा सुनाई गयी. न्यायालय ने हत्या आर्म्स एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में आरोपियों को दोषी पाया है. चारों आरोपियों पर भा द वि की धारा 307 के तहत 10 साल की सजा एवं 20 हज़ार रुपए का अर्थदंड तथा धारा 302 के तहत आजीवन कारावास एवं 50 हज़ार रुपए का अर्थदंड लगाया गया है. साथ ही साथ आरोपितों को आर्म्स एक्ट के तहत भी सजा सुनाई गई है.

सुनवाई के दौरान न्यायालय परिसर में सुरक्षा के रहे विशेष इंतजाम:

बहुचर्चित हत्याकांड के मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय परिसर में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए थे। सुबह से ही न्यायालय परिसर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बलों की तैनाती की गई थी. दूसरी तरफ हत्याकांड के आरोपितों के लिए न्यायालय के द्वारा दिए जाने वाले फैसले पर सबकी निगाहें टिकी हुई थी. जिसके कारण न्यायालय परिसर में आम दिनों की अपेक्षा कुछ अतिरिक्त भीड़ भी देखने को मिल रही थी. जैसे ही आरोपितों को सज़ा सुनाई गयी चारों आरोपितों के चेहरे पर मायूसी साफ नजर आने लगी. दूसरी तरफ बाहर मौजूद पुलिस बल और भी सतर्क हो गए. बाद में पुलिस अभिरक्षा में चारों आरोपियों को वैन तक ले जाया गया जिसके बाद उन्हें पुनः केंद्रीय कारा भेज दिया गया. जिस वक्त आरोपितों को वैन तक लाया जा रहा था उस समय भारी सुरक्षा इंतजाम के कारण लोग कौतूहल वश आरोपियों की झलक पाने के लिए बेचैन रहे.


राजनीतिक वर्चस्व की चाहत ने भाई को बना दिया भाई का कातिल:

पैक्स अध्यक्ष झमन पांडेय की हत्या के मूल कारणों पर गौर करने के बाद राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता की बात सामने आती है. पंचायत चुनाव के कुछ समय पूर्व ही  उनकी हत्या हो गई थी. बताया जाता है कि अपने हंसमुख और मिलनसार स्वभाव को लेकर झमन काफ़ी लोकप्रिय और हरदिल अजीज हो गए थे. उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह दोबारा पैक्स अध्यक्ष चुने गए थे. पंचायत चुनाव पर इस लोकप्रियता का स्पष्ट असर दिखता. इसी कारण कहीं ना कहीं उनके चचेरे भाई शिवजी पांडेय के भीतर द्वेष और राजनीतिक असुरक्षा का भाव भर रहा था जिसकी परिणति उनकी हत्या के रूप में सामने आई.

















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