आज भी प्रासंगिक है भिखारी ठाकुर- सुरेश संगम
उनके द्वारा रचित कृतियों ने विश्व इतिहास में भोजपुरी को एक अमिट पहचान दिलाई है. भिखारी ठाकुर की रचनाएं आज के परिवेश में भी उतनी ही प्रासंगिक है जितना अपनी प्रारंभिक अवस्था में थी
- दो दिवसीय भिखारी महोत्सव का हुआ समापन
- कार्यक्रम में कलाकारों ने बिखेरी भोजपुरी संस्कृति की छंटा.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: भिखारी ठाकुर अपने आप में भोजपुरी के महानायक थे. उनके द्वारा रचित कृतियों ने विश्व इतिहास में भोजपुरी को एक अमिट पहचान दिलाई है. भिखारी ठाकुर की रचनाएं आज के परिवेश में भी उतनी ही प्रासंगिक है जितना अपनी प्रारंभिक अवस्था में थी. यह बातें प्रसिद्ध रंगकर्मी डाब के अध्यक्ष सुरेश संगम ने कही. उन्होंने कहा कि भिखारी ठाकुर जनमानस की आवाज थे. जनता को अपनी सहज और सरल प्रस्तुति से वह बड़े से बड़ा संदेश आसानी से दे देते थे.भोजपुरी के डिस्ट्रिक्ट आर्टिस्ट एसोसिएशन के तत्वाधान में स्थानीय रामलीला मंच पर आयोजित दो दिवसीय रजत जयंती समारोह सह भिखारी ठाकुर महोत्सव के दूसरे दिन के आयोजन के प्रथम सत्र में भिखारी ठाकुर संस्कृति की झलक मिली. इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम सम्मान समारोह की शुरूआत अपराह्न 1 बजे हुई. कार्यक्रम के मुख्य संयोजक सह भोजपुरी फिल्मों के प्रसिद्ध गायक गोपाल राय द्वारा दीप प्रज्वलन तथा स्व. भिखारी ठाकुर का तैल चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया.
कार्यक्रम के प्रारंभ में भोजपुरी लोकगीत गायक गोलू गोसाई द्वारा अभिनंदन गीत गाया गया. आगत अतिथियों के प्रति स्वागत भाषण सुरेश संगम द्वारा किया गया.
आयोजित कार्यक्रम के दौरान सदर अनुमंडल अधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय, रेड क्रॉस के सचिव डॉ श्रवण तिवारी को पगड़ी बांध कर सम्मानित किया गया. साहित्यकार डॉ ओम प्रकाश केसरी पवन नंदन को भिखारी ठाकुर सम्मान व डॉ अरुण मोहन भैरवी रामेश्वर प्रसाद वर्मा मन्नू प्रसाद मद्धेशिया नीरा श्रीवास्तव तथा सुरेंद्र नाथ जायसवाल को भोजपुरी रंगमंच साहित्य समाज सेवा तथा अन्य क्षेत्रों के संवर्धन के लिए किए गए कार्यों के लिए भोजपुरी रत्न सम्मान दिया गया, तत्पश्चात सभी कलाकारों को सम्मान स्वरूप पगड़ी देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता सुरेश संगम व संचालन रामेश्वर प्रसाद वर्मा ने किया.
जीवंत हुई भोजपुरी के शेक्सपियर की रचनाएं:
संस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत गोपाल राय द्वारा भिखारी ठाकुर रचित गीत गाकर की गई. जिसने लोगों को वाह-वाह करने पर मजबूर कर दिया. तत्पश्चात लगातार स्थानीय क्षेत्रीय कलाकारों की प्रस्तुतियों का दौर शुरू हुआ. जिसमें मुन्ना साहनी, गोलू गोसाई, तनु दुबे, शेषनाथ ओझा, गुड्डू पाठक, निखिल श्रीवास्तव, जितेंद्र कुमार, श्रेयांशु श्रीवास्तव, अनीशा राय, तनीषा राय द्वारा एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दी गई. दर्शकों व श्रोताओं ने कार्यक्रम का जमकर लुत्फ उठाया. दो दिवसीय कार्यक्रम की समाप्ति के दौरान महासचिव हरिशंकर गुप्ता ने आगत अतिथियों सहित सभी लोगों को धन्यवाद ज्ञापित किया.
कार्यक्रम के दौरान पर प्रेस क्लब के अध्यक्ष डॉ. शशांक शेखर, रेड क्रॉस के सचिव डॉ श्रवण कुमार तिवारी, संयोजक मंडल के सदस्य रवि वर्मा, अभिषेक जायसवाल, अटल सेना के अध्यक्ष नंद कुमार तिवारी, उद्घोषक राजेश श्रीवास्तव, मनोज चौबे, फिल्म निर्देशक धर्मेंद्र जायसवाल, गड़हा महोत्सव के अध्यक्ष चंद्रमणि राय, आलोक पांडेय, सुनील तिवारी, रवि शर्मा, मोनू कुमार, मनीष मिश्रा, कन्हैया केसरी, सोनू कुमार सहित आयोजन समिति से जुड़े सभी सदस्य उपस्थित थे.
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