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सात करोड़ के खाद्यान्न घोटाले में सेवानिवृत डीपीओ पटना से गिरफ्तार ..

इसके बाद डीएम ने तत्कालीन जिला कार्यक्रम पदाधिकारी बृजबिहारी सिंह को प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया. डीएम का आदेश मिलते ही जिला कार्यक्रम पदाधिकारी बृजबिहारी सिंह ने 29 जून 2018 को नगर थाने में डीपीओ सुरेश प्रसाद सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई. मामला दर्ज करते ही पुलिस जांच में जुट गयी. 

- सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी का हवाला देते हुए ऑफलाइन मोड में बाँटा गया था चावल
- सरकार के आदेश नहीं मानने का भी लगा था आरोप.
- डीपीओ ने कहा "मैंने नहीं किया कोई घोटाला, डीएम के आदेश पर हुआ था वितरण."


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: तकरीबन सात करोड़ रुपये के चावल गबन के मामले में शिक्षा विभाग के सेवानिवृत डीपीओ को बक्सर पुलिस ने पटना से गिरफ्तार किया है. फिलहाल पुलिस उससे पूछताछ कर रही है. गिरफ्तार डीपीओ पटना के रहने वाले सुरेश प्रसाद मंडल बताये जाते है. बताया जाता है कि वर्ष 2015 से वर्ष 2017 तक बक्सर में शिक्षा विभाग में माध्यान भोजन में डीपीओ सुरेश कुमार मंडल के पद पर तैनात थे.

डीपीओ के पद पर रहते हुए सुरेश प्रसाद मंडल ऑफलाइन मोड से बिना कंप्यूटर में एंट्री किए करोड़ों रुपए के खाद्यान्न का वितरण कर दिया जबकि यह वितरण ऑनलाइन माध्यम से किया जाना था सरकार ने पूर्व में ही सॉफ्टवेयर के माध्यम से इंट्री करते हुए खाद्यान्न का वितरण सुनिश्चित कराया था लेकिन डीपीओ ने सॉफ्टवेयर में खराबी बताते हुए सरकार का आदेश नहीं माना और केवल रजिस्टर में एंट्री कर ऑफलाइन मोड से विद्यालयों में चावल भेज दिया. उन्हें वर्ष 2015 के सितंबर माह में जिले के विभिन्न विद्यालयों में सरकार की तरफ से 827.50 क्विंटल चावल देना था. लेकिन उन्होंने 951.50 क्विंटल चावल दिया. जिसमें लगभग 124 क्विंटल चावल अधिक दे दिया. वहीं जनवरी 2016 में बक्सर को 348.50 के बदले 72.50 क्विंटल चावल अधिक यानि 421 क्विंटल चावल दे दिया. साथ ही डुमरांव को 486.50 के बदले 9 क्विंटल चावल अधिक यानि 495.50 क्विंटल चावल दिया. इसी तरह मार्च 2016 में चौसा प्रखंड को 439 क्विंटल चावल के बदले 5 क्विंटल चावल यानि 444.50 क्विंटल चावल दिया. इसी बीच एक आरटीआई कार्यकर्ता अरविन्द कुमार सिंह को इसकी सूचना मिली. उन्होंने इसकी सूचना शिकायत डीएम से की. 

जब डीएम को मामले की पूरी जानकारी मिली तो उन्होंने तत्काल इसकी जांच करने का आदेश दिया. वहीं आरटीआई कार्यकर्ता ने आयुक्त पटना प्रमंडल पटना सह प्रथम अपीलीय प्राधिकार लोक शिकायत निवारण में परिवाद दाखिल किया. परिवाद दाखिल होते ही अधिकारियों ने इसकी जांच का जिम्मा बक्सर डीएम को दिया. डीएम ने एक टीम का गठन की जांच कराई तो मामला सही पाया गया. दोषी पाये जाने के बाद डीएम ने डीपीएम को संस्पेंड कर दिया. इसी बीच डीपीओ सुरेश प्रसाद मंडल सेवानिवृत हो गये. इसके बाद डीएम ने तत्कालीन जिला कार्यक्रम पदाधिकारी बृजबिहारी सिंह को प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया. डीएम का आदेश मिलते ही जिला कार्यक्रम पदाधिकारी बृजबिहारी सिंह ने 29 जून 2018 को नगर थाने में डीपीओ सुरेश प्रसाद सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई. मामला दर्ज करते ही पुलिस जांच में जुट गयी. 

अवर निरीक्षक असलम शेर अंसारी ने मामले की की तो मामले में डीपीओ को ही दोषी पाया. इसके बाद गुरुवार की सुबह पटना पुलिस के सहयोग से डीपीओ सुरेश प्रसाद मंडल को जानीपुर बाजार स्थित उनके घर से गिरफ्तार कर अपने साथ बक्सर ले आए. जहां पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है. एसपी उपेन्द्र नाथ वर्मा ने बताया कि चावल गबन के मामले में डीपीओ को गिरफ्तार किया गया है. मामले की जांच की जा रही है. वहीं सेवानिवृत डीपीओ सुरेश प्रसाद मंडल ने बताया कि, एमआईएस में गड़बडी के चलते ऐसा हुआ है. इसकी सूचना डायरेक्टर को दी गयी थी. इसके बाद डीएम से आदेश लेकर नियामानुसार चावल बाँटा गया. सभी को सही मात्रा में चावल दिया गया था. कोई गबन नहीं हुआ है बल्कि, अधिकारी अधिकारी फंसा रहे है.














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