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ऑनलाइन प्रविष्टि में गड़बड़ी से बचे और पायें सरकारी योजनाओं का लाभ - डीएम

आधार नंबर की गलत प्रविष्टि अथवा मोबाइल नंबर वसुधा केंद्र या साइबर कैफे का होने के कारण किसानों तक जानकारियां नहीं पहुंच पा रही. ऐसे में किसानों को चाहिए कि वह स्वयं अथवा घर के किसी सदस्य की मदद से इंटरनेट का इस्तेमाल कर आधार, बैंक खाते के अतिरिक्त सभी प्रविष्टियों को दर्ज कराएं.

- एक दिवसीय रबी महाअभियान महोत्सव सह कर्मशाला का हुआ आयोजन.
- सरकारी योजनाओं की जानकारी के साथ किसानों ने सीखी खेती की उन्नत तकनीक.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: शुक्रवार को जिला मुख्यालय में अवस्थित संयुक्त कृषि भवन में रबी महाअभियान महोत्सव के दौरान किसान कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें जिले भर से पहुँचे किसानों ने भाग लिया. कृषि प्रोद्योगिकी अभिकरण आत्मा के तत्वावधान में आयोजित इस महोत्सव में किसानों को वैज्ञानिकों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया. इसके पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद जिला पदाधिकारी राघवेंद्र सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया.

कृषकों को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी ने कहा कि सरकार के द्वारा सभी योजनाओं में आधार कार्ड एवं मोबाइल नंबर अनिवार्य है. अधिकांश किसान वसुधा केंद्र अथवा साइबर कैफे से से अनुदान हेतु आवेदन कर रहे हैं. इस दौरान आधार नंबर की गलत प्रविष्टि अथवा मोबाइल नंबर वसुधा केंद्र या साइबर कैफे का होने के कारण किसानों तक जानकारियां नहीं पहुंच पा रही. ऐसे में किसानों को चाहिए कि वह स्वयं अथवा घर के किसी सदस्य की मदद से इंटरनेट का इस्तेमाल कर आधार, बैंक खाते के अतिरिक्त सभी प्रविष्टियों को दर्ज कराएं. सरकार कृषि कार्यों में उन्नत तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा दे रही है साथ ही टपक विधि से सिंचाई समेत विभिन्न कृषि यंत्रों पर सरकार काफी अनुदान भी किसानों को प्रदान कर रही है किसानों को किसान पाठशाला तथा अन्य प्रशिक्षणों के द्वारा प्रशिक्षित भी किया जाता है. जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णानंद चक्रवर्ती ने किसानों को सरकारी योजनाओं से जुड़कर खेती को उन्नत बनाने की बात कही. उन्होंने बताया कि, अबकी बार 80 हज़ार हेक्टेयर में गेंहू की फसल का आच्छदन किया जाएगा. 

मौके पर आत्मा के परियोजना निदेशक देवनंदन राम ने कृषकों को प्रशिक्षण देते हुए कहा कि, इस बार 22 से 31 अक्टूबर तक जिले के सभी प्रखंडों में रबी जागरूकता अभियान का आयोजन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि, रबी फसलों की अच्छी पैदावार के लिए कृषकों को आधुनिक व वैज्ञानिक विधि से खेती करने की प्रक्रिया को अपनाना होगा. उन्होंने दलहन में मसूर की खेती को बढ़ावा देते हुए कहा कि मसूर की खेती के लिए खेतों की तैयारी, पोषक तत्वों का प्रबंधन, राइजोबियम कल्चर का प्रयोग, फास्फोरस जिप्सम का प्रयोग, बोने की विधि, बीजोपचार, फसल सुरक्षा, खर-पतवार नियंत्रण आदि पर विस्तार से जानकारी दी. केवीके के कार्यक्रम समन्वयक विश्वेन्दु द्विवेदी ने बताया कि, आगामी 22 अक्टूबर को केवीके के प्रांगण में उर्वरक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. कृषि विभाग के नोडल पदाधिकारी सह सहायक निदेशक उद्यान दीपक कुमार ने भी अपने विचार रखें.

कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त अरविंद कुमार भी मौजूद रहे. इस दौरान कार्यक्रम का समन्वयन आत्मा कर्मी रघुकुल तिलक ने किया. मौके पर डी डी एम नाबार्ड, सहायक भूमि संरक्षण पदाधिकारी राम दयाल सिंह, सभी बी ए ओ, बी टी एम, ए टी एम, कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार,आत्मा कर्मी दीपक कुमार, बालाजी, त्रिपुरारी शरण सिन्हा, चन्दन कुमार सिंह, विकास कुमार राय, सत्येन्द्र कुमार राम सहित प्रगतिशील कृषक विनोद सिंह, हरेराम पाण्डेय, चितरंजन तिवारी इत्यादी उपस्थित थे.













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