अद्भुत, अलौकिक रही देव दीपावली, जगमग हुए गंगा घाट ..
कार्यक्रम को लेकर गंगा घाटों की साफ-सफाई के साथ अन्य सभी तैयारियों में बक्सर के युवाओं तथा विभिन्न सामाजिक लोगों ने विशेष भूमिका निभाई. उन्होंने बताया कि, पिछले पांच साल से चल रहे इस कार्यक्रम के तहत इस बार भी नाथबाबा घाट से लेकर अहिरौली घाट तक दीप जलाए गए.
- सवा लाख दीपों की माला से सजाया गया गंगा तट.
- जिला जज के साथ डीएम- एसपी ने भी की माँ गंगा की आराधना
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मनाई जाने वाली देव दीपावली को लेकर नगर में मंगलवार को उत्साह चरम पर था. देव दीपावली पूजा समिति के द्वारा नगर के विभिन्न घाटों को तकरीबन सवा लाख दीपक की जगमग रोशनी से सजाया गया था. यह नजारा ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो स्वर्ग से देवता स्वयं उतरकर दीपावली मना रहे हो. इसके साथ ही कई प्रमुख घाटों पर मां गंगा की आरती भी की गयी. आरती में शामिल होने के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरिंद्रनाथ एवं जिलाधिकारी राघवेंद्र सिंह तथा आरक्षी अधीक्षक उपेंद्र नाथ वर्मा भी मौजूद रहे.
इस बाबत देव दीपावली पूजा समिति के सचिव पंकज मानसिंहका व गंगा सेवा समिति के अध्यक्ष रोहतास गोयल ने बताया कि, कार्यक्रम को लेकर गंगा घाटों की साफ-सफाई के साथ अन्य सभी तैयारियों में बक्सर के युवाओं तथा विभिन्न सामाजिक लोगों ने विशेष भूमिका निभाई.
उन्होंने बताया कि, पिछले पांच साल से चल रहे इस कार्यक्रम के तहत इस बार भी नाथबाबा घाट से लेकर अहिरौली घाट तक दीप जलाए गए. वहीं, भव्य आरती भी की गयी. सभी घाटों के लिए अलग-अलग समितियां बनाई गई थी. कहीं-कहीं भजन-कीर्तन भी आयोजित किए गए.
जिला जज के साथ डीएम-एसपी ने भी की माँ गंगा की आराधना:
गंगा सेवा समिति के द्वारा रामरेखा घाट पर आयोजित गंगा आरती की अध्यक्षता रोहतास गोयल व संचालन सचिव रामस्वरूप अग्रवाल तथा आयकर अधिवक्ता सुरेश संगम के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया. वहीं धन्यवाद ज्ञापन समिति के उपाध्यक्ष सत्यदेव प्रसाद ने किया. वहीं, गंगा आरती सेवा ट्रस्ट के द्वारा अध्यक्ष प्रभंजन भारद्वाज के नेतृत्व में पुराना विवाह मंडप में भव्य संगीतमय आरती का आयोजन किया गया जिसमें जिला और सत्र न्यायाधीश हरिंद्रनाथ यजमान की भूमिका में रहे वही गंगा सेवा समिति द्वारा आयोजित आरती में जिलाधिकारियों राघवेंद्र सिंह तथा आरक्षी अधीक्षक उपेंद्र नाथ वर्मा ने वैदिक मंत्रोचार के बीच संकल्प लेकर गंगा पूजन व दीप प्रज्वलित कर मां दुर्गा की आराधना की मौके पर पूजा समिति के द्वारा श्रद्धालुओं से अपील की गई कि वह गंगा को स्वच्छ व अविरल बनाने में अपना सहयोग करें.
त्रिपुरासुर वध को लेकर देवताओं ने मनाई थी देव दीपावली:
आचार्य मुक्तेश्वरनाथ शास्त्री ने बताया कि, सृष्टि के आरंभ से ही कार्तिक पूर्णिमा की तिथि बड़ी ही खास रही है. महादेव द्वारा त्रिपुरासुर के वध किये जाने पर देवताओं ने इस दिन दीपावली मनाई थी. पुराणों में इस दिन को किये जाने वाले स्नान, व्रत व तप को मोक्ष प्रदान करने वाला बताया गया है. इस कारण गंगा स्नान, दान खास फलदायी होता है. उन्होंने बताया कि इस दिन भगवान विष्णु को तुलसी माला और गुलाब का फूल चढ़ाने से मन की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. पातालेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी रामेश्वरनाथ पंडित ने कहा कि, महादेव को इस दिन धतूरे का फल व भांग चढाने से काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है. इस दिन तिल स्नान का भी महत्व है. इससे शनि दोष समाप्त होता है. वहीं, कुंडली में पितृ दोष, नन्दी दोष आदि की स्थिति में शांति मिलती है.
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