शिक्षा के द्वारा किया जा सकता है समाज का एकीकरण ..
प्रो. रमेश चौधरी ने कहा कि, मौलाना अबुल कलाम आजाद स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद लेखक के रूप में याद किए जाते हैं. प्रो. अवधेश शुक्ला ने बताया कि वह साहित्यकार, पत्रकार के रूप में भी लोगों के जेहन में बसे हुए हैं.
- मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती पर आयोजित हुई विचार गोष्ठी.
- वक्ताओं नद कहा, आजाद की दी हुई शिक्षा ला सकती है समाज में क्रांति.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जीडी मिश्रा इंस्टिट्यूट ऑफ हायर स्टडीज लालगंज के प्रांगण में भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन पर प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जे.ए. चौधरी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के उपलक्ष में विचार गोष्ठी (सिंपोजियम) का आयोजन किया गया. प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य ने अपने अध्यक्षीय भाषण में बताया कि, आजाद की दी हुई शिक्षा समाज में क्रांति ला सकती है. प्रशिक्षण महाविद्यालय के वरीय प्राध्यापक प्रो. देवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि, शिक्षा से ही सभी वर्गों को एक सूत्र में जोड़ा जा सकता है. प्रोफेसर रितेश श्रीवास्तव ने बताया कि, शिक्षा के द्वारा एकीकरण किया जा सकता है. प्रो. रमेश चौधरी ने कहा कि, मौलाना अबुल कलाम आजाद स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद लेखक के रूप में याद किए जाते हैं. प्रो. अवधेश शुक्ला ने बताया कि वह साहित्यकार, पत्रकार के रूप में भी लोगों के जेहन में बसे हुए हैं. प्रो. बृजेश सिंह ने शास्त्रीय संगीत द्वारा मौके पर माहौल को प्रफुल्लित कर दिया.
महाविद्यालय के पुस्तकालयाध्यक्ष संजय जायसवाल ने बताया कि, मौलाना आजाद ने समाज को जोड़ने का काम किया. विचार गोष्ठी में उपस्थित लोगों में सचिव प्रदीप मिश्रा, प्रबंधक मनोज चौबे राजीव मिश्रा धर्मेंद्र दुबे अजय मजूमदार छात्राध्यापक छात्राध्यापिकाओं में अंजना कुमारी, अंशिका कुमारी, अजीत कुमार, अवधेश पटेल, दीपक मिश्रा की भूमिका सराहनीय रही.
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