Buxar Top News: बक्सर के निजी अस्पतालों में गड़बड़झाला, सिविल सर्जन ने कहा, होगी कठोर कारवाई ..
लेकिन जीवन रक्षक सेवाओं में लगे तथा धरती के भगवान कहे जाने वाले चिकित्सकों के हाथ भी भ्रष्टाचार के गुनाहों से सने हैं.
- फोन पर ही चिकित्सक करते हैं इलाज़.
- सादे कागज़ पर दिए जा रहे मनमाने बिल.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सूबे की सरकार विकास एवं महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में नायाब कार्यों को अमलीजामा पहनाने के साथ-साथ पूर्ण शराबबंदी सख्ती के साथ लागू कर सुर्खियां बटोर रही है. लेकिन घपले-घोटालों और कानून व्यवस्था को लेकर बिहार अक्सर कलंकित होता जा रहा है.कई मामलों में ऐसा प्रतीत होता है जैसे सरकार का नियंत्रण भ्रष्टाचारियों के ऊपर है ही नहीं. यूँ तो लगभग हर विभाग में भ्रष्टाचार का बोलबाला है लेकिन जीवन रक्षक सेवाओं में लगे तथा धरती के भगवान कहे जाने वाले चिकित्सकों के हाथ भी भ्रष्टाचार के गुनाहों से सने हैं.
अक्सर विवादों के घेरे में रहने वाले निजी चिकित्सालय अनारकली अस्पताल में गोरखधंधे का नया खेल उज़ागर हुआ है . इस अस्पताल में अस्पताल में भर्ती मरीजों का इलाज चिकित्सक के सुमिरन मात्र से ही हो जाता है. चौंकिए मत ! यह बात सोलह आने सच है. यहाँ इलाज कराने के लिए भर्ती होने वाले मरीज जहाँ अस्पताल के बोर्ड पर लगे बड़े-बड़े नाम वाले चिकित्सकों से इलाज कराने के ध्येय से यहाँ भर्ती होते हैं लेकिन, अस्पताल में दाखिले के बाद उन्हें मालूम चलता है कि जिन चिकित्सकों से इलाज के के नाम पर वे अस्पताल में आये थे असल में वे फ़ोन पर ही अपने मरीजों का इलाज कर देते हैं. बस वे दूर बैठे मरीजों की बीमारी का नाम सुन लेते हैं और वहीँ वैठे-बैठे फोन पर ही अपने अप्रशिक्षित कर्मियों को इलाज करने का निर्देश देते रहते हैं. ऐसे में इलाज कराने पहुँचने वाले मरीजों की जान पर खतरा बना रहता है. अस्पताल के लेटर हेड पर कम्पाउण्डर और नर्से ही दवाइयां वगैरह लिख देते हैं. दूसरी तरफ यहाँ इलाज के दौरान मरीजों से मामूली बीमारियों में भीं अनावश्यक रूप से जांच व दवाईयों के के नाम पर उगाही की जाती है. सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि यहाँ इन सभी प्रकार की जांचों या दवाईयों के बिल सादे कागज़ पर दिए जाए हैं.
सरकार के द्वारा बीपीएल कार्डधारियों को मुफ़्त चिकित्सा सेवाएं देने की योजना के तहत निजी चिकित्सालयों में रोगियों का इलाज करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें बक्सर के लगभग सभी प्रमुख चिकित्सालयों में बीपीएल कार्डधारियों को मुफ़्त चिकित्सा सेवाएं देने का दावा किया जा रहा है. इस अस्पताल के बोर्ड पर भी मुफ़्त चिकित्सा की बात लिखी हुई है मगर जब इस बाबत अस्पताल में पूछताछ की गयी तो बताया गया कि वहाँ इस योजना को भी कार्यान्वित नहीं किया जा रहा है.
मामले को लेकर अस्पताल के निदेशक डॉ.राजीव कुमार झा से बात करने की कोशिश की गयी मगर ज्ञात हुआ कि वे हमेशा की तरह शहर से बाहर हैं. वहीँ जब उनसे दूरभाष पर भी संपर्क साधने की कोशिश की गयी तो उन्होंने फोन उठाना जरूरी नहीं समझा.
इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. के.के. सहाय से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि मामला बेहद गंभीर है तथा मामले में टीम गठित कर जांच करने के बाद अस्पताल प्रबंधन के विरूद्ध कठोर कारवाई की जायेगी.
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