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Buxar Top News: मुख्यमंत्री पर हमले की भेंट चढ़ गया पतंग महोत्सव, जनमानस में मायूसी !

पतंग महोत्सव जहाँ जिले के सम्मान की पहचान बनता जा रहा था वहीं इस आयोजन से कई ठेला-खोमचा वालों को रोजगार मिलता था.

- मकर संक्रांति के उपलक्ष्य पर पतंग प्रतियोगिता, कुश्ती, दंगल प्रतियोगिता और साथ ही साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी होता रहा है आयोजन.
 - बक्सर के लोगों में है मायूसी का आलम.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: मकर संक्रांति के उपलक्ष्य पर हर बार जिला प्रसासन द्वारा पतंग प्रतियोगिता सहित कुश्ती दंगल प्रतियोगिता और साथ ही साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होता आ रहा था, पर इस बार बक्सर में पतंग महोत्सव का आयोजन नहीं हो सका.  जाहिर सी बात है गंगा किनारे होने वाले आयोजन में इस बार बक्सर के लोग पतंगबाजी का लुत्फ नहीं उठा सके.

       इसमें बक्सर के आम लोगों के साथ ही राजनीतिक दलों के लोग और सरकारी अधिकारी-कर्मचारी भी सपरिवार शामिल होते थे. लेकिन, इस बार जिला प्रशासन ने पतंग महोत्सव का आयोजन ही नहीं किया. इसकी कोई तैयारी नहीं हुई. किसी अधिकारी ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. ऐसे में 14 जनवरी का दिन इस बार बक्सर के लोगों के लिए सूना-सूना बीता. इस साल आसमान में उड़ती हुई रंग-बिरंगी पतंगें नजर नहीं आई. बच्चों से लेकर युवाओं तक को इस बात का मलाल है कि जिला प्रशासन ने दो सालों तक लगातार आयोजन कराए जाने के बावजूद इस साल पतंग महोत्सव आयोजित नहीं किया. 


युवा नेता रामजी सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन को पतंग महोत्सव का आयोजन करना चाहिए था  लगातार दो सालों के आयोजन के बाद इस साल महोत्सव आयोजित नहीं होने से बक्सर के लोगों के बीच मायूसी का आलम है.

 युवा नेता इन्द्रकांत तिवारी "बंटी" ने कहा कि पतंग महोत्सव जहाँ जिले के सम्मान की पहचान बनता जा रहा था वहीं इस आयोजन से कई ठेला-खोमचा वालों को रोजगार मिलता था. इस आयोजन का नहीं किया जाना प्रशासनिक विफ़लता को दर्शाता है. 

सामाजिक कार्यकर्ता सह शिवसेना नेता राघव पांडेय ने बताया कि मुख्यमंत्री पर हुआ हमला निंदनीय घटना है लेकिन इसकी सज़ा जनता को पतंग महोत्सव नहीं मना कर देना सर्वथा अनुचित है.

पूर्व जिला पार्षद डाॅ. मनोज यादव ने कहा कि बक्सर के लोग इस उम्मीद में थे कि इस साल भी पतंग महोत्सव का आयोजन होगा, लेकिन जिला प्रशासन ने लोगों को निराश कर दिया. 

सामाजिक कार्यकर्ता अख्तर आह्वान ने कहा कि मकर संक्रांति के दिन पतंग महोत्सव का आयोजन एक बेहतर शुरूआत थी, जिसने महज दो सालों में ही दम तोड़ दिया. यह जिला प्रशासन के अधिकारियों की नाकामी का नतीजा है.

मामले में सूचना सह जनसंपर्क पदाधिकारी धीरेन्द्र कुमार ने बताया कि पतंग महोत्सव का आयोजन आज ही होना चाहिए था लेकिन, उन्हें अब तक इसके आयोजन की कोई लिखित जानकारी नहीं प्राप्त हुई है. 

ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि दो वर्षों से चल रहा पतंग महोत्सव इस बार मुख्यमंत्री पर हुए हमले की भेंट चढ़ गया.

बक्सर टॉप न्यूज़ के लिए विशाल पाण्डेय रिपोर्ट.











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