Buxar Top News: बड़ी ख़बर: जेल में गिरी दीवार, बाल बाल बची महिला कक्षपाल ..
विभागीय आदेश प्राप्त होने के बावजूद भवन निर्माण विभाग द्वारा मरम्मति से संबंधित कोई भी कार्य नहीं कराया गया. जिसको लेकर कई बार भवन निर्माण विभाग को स्मार पत्र देने के साथ-साथ मौखिक रूप से भी कहा गया.
- जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है केंद्रीय कारा, कैदियों समेत सुरक्षाकर्मियों को भी सताता रहता है जान का खतरा.
- कभी भी ध्वस्त हो सकने की स्थिति में है कई कक्ष.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बक्सर केंद्रीय कारा में गुरुवार रात एक हादसा सामने आया इस हादसे में जेल परिसर में स्थित महिला कक्षा वालों के बैरक की एक दीवार टूट कर गिर गई इस हादसे में महिला कक्षपाल बाल बाल बची. घटना के बाद मौके पर पहुंचे जेल सुपरिटेंडेंट वीके अरोरा ने स्थिति का अवलोकन किया एवं महिला कक्ष वालों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कराया.
बताते चलें कि कारा परिसर के अंदर स्थित कैदी वार्ड तथा कारा भवन के साथ साथ जेल अधीक्षक का निवास भी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है. यही नहीं जेल की सुरक्षा में लगे महिला एवं पुरुष पुलिस सुरक्षाकर्मियों के रहने के लिए बनाए गए बैरक भी बेहद ही बुरी अवस्था में है. जिससे कि सदैव दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है. जेल में रहने वाले कैदियों के साथ साथ जेल को सुरक्षा प्रदान करने वाले सुरक्षाकर्मी भी किसी अनहोनी की आशंका से भयाक्रान्त रहते हैं.
मामले में कारा अधीक्षक वीके अरोड़ा ने बताया वर्ष 2016 में जेल से कैदियों की फरारी के बाद जेल महानिरिक्षक ने स्वयं प्रधान सचिव को पत्र लिखकर जेल की दुर्दशा से उन्हें अवगत कराया था. जिसके बाद जुलाई 2017 में प्रधान सचिव के द्वारा भवन निर्माण विभाग को दो करोड़ तेईस लाख रुपए की राशि मरम्मति एवं अनुरक्षण के मद में स्वीकृत की गई. साथ ही साथ इसकी प्रति तत्कालीन जिलाधिकारी रमण कुमार के माध्यम से भवन निर्माण विभाग को दी गयी. जिलाधिकारी ने स्वयं बैठक के दौरान भवन निर्माण विभाग के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता को निर्देशित किया था कि जेल की मरम्मति एवं अनुरक्षण का कार्य तय समय सीमा वित्तीय वर्ष 2017-18 की समाप्ति से पूर्व करा लिया जाए. बावजूद इसके जहां वित्तीय वर्ष समाप्ति की ओर है वहीं भवन निर्माण विभाग द्वारा जेल भवन तथा बैरकों के मरम्मत के प्रति कोई भी कदम नहीं उठाया गया.
कारा अधीक्षक ने बताया कि विभागीय आदेश प्राप्त होने के बावजूद भवन निर्माण विभाग द्वारा मरम्मति से संबंधित कोई भी कार्य नहीं कराया गया. जिसको लेकर कई बार भवन निर्माण विभाग को स्मार पत्र देने के साथ-साथ मौखिक रूप से भी कहा गया. यही नहीं जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा को विगत 30 जनवरी 2018 को भेजे गए पत्र के माध्यम से एक बार पुनः मामले से अवगत कराया गया बावजूद इसके अभी भी स्थिति जस की तस बनी हुई है.
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