Buxar Top News: आज राष्ट्रपति के हाथों शौर्य चक्र से सम्मानित होगा जिले का लाल, गौरवान्वित है हर जिले वासी ..
बिहार के लाल बक्सर के अमरनाथ मिश्र को शांति के समय सुरक्षा बलों के जवानों को साहस के लिए दिया जाने वाला दूसरा सर्वोच्च सम्मान शौर्य चक्र के लिए चुना गया है.
अमरनाथ के परिजन |
- पिछले साल गया में जान पर खेलकर चार नक्सलियों को उतारा था मौत के घाट.
- जिले के सिमरी प्रखंड के रहने वाले हैं अमरनाथ, पहले भी हो चुके हैं पुरस्कृत.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: कई मौकों पर जिले का नाम रोशन करने वाले जिले के जांबाज़ बेटों के नाम की लंबी फेहरिस्त है इसी क्रम में जिले का एक बेटा आज अपनी बहादुरी और जांबाजी के लिए शौर्य चक्र के पुरस्कार से महामहिम राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होगा. बिहार के लाल बक्सर के अमरनाथ मिश्र को शांति के समय सुरक्षा बलों के जवानों को साहस के लिए दिया जाने वाला दूसरा सर्वोच्च सम्मान शौर्य चक्र के लिए चुना गया है.
जिले के सिमरी प्रखंड के बड़का गांव मानसिंह पट्टी के अमरनाथ सीआरपीएफ कोबरा 205 बटालियन के कमांडों हैं. वर्ष 2016 के जनवरी महीने में कोबरा की टीम ने गया-औरंगाबाद के सीमावर्ती क्षेत्र में कांबिंग ऑपरेशन चलाया था. इस दौरान कोबरा बटालियन की एक टुकड़ी नक्सलियों से घिर गई थी. तब नक्सलियों से घिरे होने के बावजूद अमरनाथ ने धैर्य नहीं खोया और अपने कमांडेंट चंदन कुमार व अन्य साथियों के साथ मिलकर चार नक्सलियों को मार गिराया।.
मुठभेड़ में कुल 4 नक्सली मारे गए थे. इस मुठभेड़ के दौरान जवानों का प्रतिनिधित्व करने वाले कोबरा बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट यूपी के चंदन कुमार को भी शौर्य चक्र मिलेगा. यह सम्मान मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों मिलेगा. अमरनाथ के पिता रामनाथ मिश्र बिहार पुलिस की सेवा से रिटायर हुए हैं जबकि, अमरनाथ के चार भाइयों में दो भाई चंदन और शत्रुघ्न आइटीबीपी के जवान हैं इनके बड़े भाई शिवजी मिश्रा प्रखंड में ही मेडिकल स्टोर चलाते हैं जबकि, एक भाई सुनील मिश्रा बक्सर व्यवहार न्ययालय में अधिवक्ता हैं अमरनाथ को बहादुरी का सम्मान के लिए चुने जाने से परिवार फूले नहीं समा रहा है. पूरे गांव में जश्न का माहौल है.
पहले भी अमरनाथ को मिल चुके हैं कई पुरस्कार:
होनहार बिरवान के होत चिकने पात की कहावत चरितार्थ करते हुए प्रशिक्षण के दौरान ही बेहतर कार्य कुशलता, अनुशासन, अधिकारियों से सछ्वाव, रहन-सहन तथा साफ-सफाई को लेकर सीआरपीएफ के डीजी प्रकाश मिश्रा के हाथों प्रशस्ति-डिस्क और शील्ड प्राप्त कर चुके हैं. यहीं नहीं, अर्द्धसैनिक बल में ही कार्यरत अमरनाथ के छोटे भाई अनिल कुमार को भी अरूणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के हाथों वीरता पुरस्कार मिल चुका है. बेटे की वीरता पर गर्व महसूस कर रहा गांव अमरनाथ की वीरता व अदम्य साहस से लोग अवगत हैं वे दुहरा रहे हैं। जो नहीं जानते हैं वे जानने के लिए उत्सुक हैं. गांव के नौजवान उत्साहित होकर शौर्य चक्र जैसे वीरता पुरस्कार की व्याख्या को इंटरनेट में तलाश रहे थे.हालांकि, इससे बेफिक्र अमरनाथ की मां ज्ञांति देवी रोज की तरह अपनी दिनचर्या में व्यस्त थीं. पूजा-पाठ तथा बुढ़ापे की जिम्मेदारियों को संभालते हुए उन्हें बताया गया कि आपके बेटे को भारत के राष्ट्रपति के हाथों शौर्य चक्र का पुरस्कार मिलने जा रहा है तो उन्हें कोई आश्चर्य नहीं हुआ. मानों उन्हें अपने बेटे की वीरता और साहस पर पूरा विश्वास है.
क्या है शौर्य चक्र और किसे मिलता है:
मेडल गोलाकार और कांस्य निर्मित 1.38 इंच व्यास है. इस मेडल के अग्र भाग पर केन्द्र में अशोक चक्र की प्रतिकृति उत्कीर्ण है जो कमल माला से घिरी रहती है. इसके पश्च भाग पर हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में शौर्य चक्र उत्कीर्ण है, और ये रूपान्तरण कमल के दो फूलों द्वारा अलग-अलग होते हैं. तीन खड़ी लाइनों द्वारा बराबर भागों में विभाजित हरे रंग के फीते में रहता है. अपने अदम्य साहस, शौर्य व वीरता की बदौलत राष्ट्ररक्षा करनेवाले जवानों को शौर्य चक्र से सम्मानित किया जाता है.
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