Buxar Top News: कभी भाजपा के कट्टर समर्थक अब धुर विरोधी के एन गोविंदाचार्य पहुंच रहे हैं बक्सर, युवाओं को समझाएंगे राष्ट्रवाद और राजनीति का मतलब ...
संस्था के संयोजक संदीप ठाकुर ने बताया कि व्याख्यानमाला से जिले के युवा प्रेरणा लेंगे एक नई तरह की राजनीति की शुरुआत बक्सर में करेंगे.
- गोयल धर्मशाला में आयोजित हो रही है व्याख्यानमाला.
- आंदोलन संस्था के बैनर तले किया जा रहा है आयोजन.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: महान चिंतक, विचारक, विद्वान, वक्ता, सामाजिक कार्यकर्ता व भारत विकास संगम के राष्ट्रीय संयोजक श्री के एन गोविंदाचार्य शनिवार को बक्सर पहुंच रहे हैं जहां दिन में करीब 11:00 बजे उनका व्याख्यान को गोयल धर्मशाला में होगा. वर्तमान परिवेश मे भारतीय राजनीति में राष्ट्रवाद व युवा विषय पर उनके इस व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन आंदोलन संस्था के बैनर तले किया जा रहा है कार्यक्रम की जानकारी देते हुए संस्था के संयोजक संदीप ठाकुर ने बताया कि व्याख्यानमाला से जिले के युवा प्रेरणा लेंगे एक नई तरह की राजनीति की शुरुआत बक्सर में करेंगे.
बताते चलें कि के. एन. ग़ोविन्दाचार्य (जन्म - ०२ मई १९४३) विचारक, हिन्दू कार्यकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता, पर्यावरण कार्यकर्ता तथा आर्थिक विचारक हैं. बहुत दिनों तक वे भारतीय जनता पार्टी की द्वितीय पंक्ति के नेता थे.
आरम्भिक जीवन
श्री गोविन्दाचार्य का जन्म आंध्र प्रदेश के तिरुपति नगर में हुआ था. बहुत कम आयु में ही वे वाराणसी चले आये. उनकी अधिकांश शिक्षा वाराणसी में ही हुई और उन्होने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से सन् १९६२ में विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल की. अपने विद्याथी जीवन में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे तथा एम एस-सी करने के उपरान्त संघ के प्रचारक बन गये.
श्री गोविन्दाचार्य से जुड़ी संस्थाएँ भारत विकास संगम कौटिल्य शोध संस्थान राष्ट्रीय स्वाभिमान आन्दोलन हैं.
वह भारतीय जनता पार्टी से जुड़े थे, लेकिन अब वह पार्टी का एक कट्टर आलोचक है जितना वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के आलोचक हैं।
राजनीतिक कैरियर:
1 9 88 में के.एन. गोविंदाचार्य भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सदस्य बने और 2000 तक एक अवधि के लिए उन्होंने अपने महासचिव के रूप में सेवा की. उन्हें तत्कालीन प्रधान मंत्री के आग्रह पर भाजपा को छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था क्योंकि उन्होंने कहा कि आडवाणी शॉट्स को बुला रहे थे, जबकि प्रधान मंत्री सिर्फ मुखौटा थे. उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके बयान का गलत श्रेय दिया गया है, लेकिन वाजपेयी ने स्पष्टीकरण से प्रभावित नहीं सोचा था कि पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाया गया था या नहीं, यह उद्धरण प्रामाणिक था या नहीं.
छुट्टी छोड़ने और बाद में
भारतीय राजनीति और कॉरपोरेट क्षेत्र में भ्रष्टाचार के बढ़ते उदाहरण और 5 जून 2011 को रामदेव के अनुयायियों पर पुलिस की कार्रवाई से परेशान, पूर्व पत्रकारों, छात्र कार्यकर्ताओं, बाल अधिकार कार्यकर्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक समूह ने गोविंदाचार्य को एक महान गठबंधन बनाने के लिए प्रोत्साहित किया 25 जून को देशभर के 50 छोटे और बड़े राजनीतिक संगठनों, उस दिन, आपातकाल की घोषणा और लागू करने के लिए याद किया गया था. वह नए गठबंधन के अध्यक्ष चुने गए, जिसे सेव डेमोक्रसी फ्रंट (एसडीएफ) के नाम से जाना जाता था.
गोविंदाचार्य के संरक्षण में, 23 दिसंबर 2010 से 1 जनवरी 2011 तक कर्नाटक के कलबर्गि (गुलबर्गा) में "भारत विकास संगम" का तीसरा राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था.
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