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पेशेवर समाजिक कार्यकर्ता ने आरटीआई से मांगी जानकारी, कौन है शिक्षा विभाग का सबसे बड़ा मठाधीश ..

यही नहीं उन्होंने यह भी कहा है कि आखिर बिना निबंधन के जिले में तमाम निजी विद्यालय कैसे संचालित किए जा रहे हैं. रामनारायण ने यह स्पष्ट किया कि, अगर प्रशासन इस मामले में कोई विशेष पहल नहीं करता है तो आगे बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा.

- शिक्षा के अधिकार का अनुपालन में लापरवाहीऔर मनमानी  पर उपजा आक्रोश.
- सूचना के अधिकार के द्वारा मांगा शिक्षा विभाग के ज़िम्मेवार वरीय अधिकारी का नाम व नंबर.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: शिक्षा विभाग के मठाधीशों के विरुद्ध बक्सर के युवा नेता ने मोर्चा खोल दिया है. दरअसल, राइट टू एजुकेशन एक्ट का सही से अनुपालन न किए जाने पर यह आक्रोश उपजा है. जिसके बाद सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी मांगी गई है कि, आखिर शिक्षा विभाग के ऐसे कौन से अधिकारी हैं. जो शिक्षा के अधिकार का अनुपालन कराने के लिए जवाबदेह हैं.

युवा नेता व अधिवक्ता रामनारायण ने सूचना के अधिकार के द्वारा जिलाधिकारी से जानकारी मांगते हुए पूछा है कि आखिर जिले के वह कौन वरीय अधिकारी हैं जो शिक्षा के अधिकार के अनुपालन के लिए प्रतिबद्ध हैं. हालांकि, यह एक बहुत छोटी सी जानकारी है जो  वैसे तो हर व्यक्ति के पास रहनी चाहिए लेकिन, यह अधिकारियों का अपनी जिम्मेदारियों से भागने का ही नतीजा है कि, अब यह जानने के लिए जिले के सबसे बड़े अधिकारी से आरटीआई से जवाब मांगना पड़ रहा है. 
राम नारायण ने मीडिया से हुई बातचीत में बताया कि, नगर में तमाम निजी विद्यालय खुले हैं लेकिन, वह शिक्षा के अधिकार के तहत 25 फीसद जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त शिक्षा का अधिकार नहीं दे पाते हैं. दुर्भाग्य की बात तो यह है कि जिला प्रशासन अथवा शिक्षा विभाग की कोई पदाधिकारी इस विषय में जवाब देने से भी कतराते हैं. ऐसे में यह जानना बेहद आवश्यक है कि वह कौन वरीय पदाधिकारी हैं जो यह बता सके की किस विद्यालय में कितने वंचित बच्चों को शिक्षा के अधिकार के तहत मुफ्त शिक्षा प्रदान की जा रही है. यही नहीं उन्होंने यह भी कहा है कि आखिर बिना निबंधन के जिले में तमाम निजी विद्यालय कैसे संचालित किए जा रहे हैं. रामनारायण ने यह स्पष्ट किया कि, अगर प्रशासन इस मामले में कोई विशेष पहल नहीं करता है तो आगे बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा.












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