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ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए उमड़ रही भीड़, यहां क्लिक कर करें ऑनलाइन आवेदन ..

कहा कि, लंबी यात्रा कर यहां आकर लौटना बेहद थका होता है लेकिन भारी भरकम जुर्माना भरने से बेहतर यही है. नगर के प्रतिष्ठित व्यवसायी शिवजी खेमका ने बताया कि उनका ड्राइविंग लाइसेंस कहीं गुम हो गया था हालांकि, अब फिर से नया ड्राइविंग लाइसेंस बनवा रहे हैं.
परिवहन विभाग के काउंटर पर खड़े लोग
- जिन्होंने कभी नहीं समझा जरूरी वह भी खड़े हैं कतारों में
- आसान प्रक्रिया से गुजर कर बनवाया जा सकता है लाइसेंस.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नए मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद परिवहन कार्यालय पर लोगों के अत्याधिक भीड़ देखने को मिल रही है. बताया जा रहा है कि, यह भीड़ वाहन चालन अनुज्ञप्ति यानी कि, ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए लग रही है. बताया जा रहा है कि, ऐसे लोग जिन्होंने कभी ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत नहीं समझी वह भी अब परिवहन कार्यालय पर पहुंच रहे हैं. हालांकि, पहली बार लाइसेंस बनवाने वालों में युवाओं की भीड़ भी अच्छी खासी है. हालांकि, कर्मियों की कमी के कारण उन्हें कई-कई दिन परिवहन कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. नावानगर से पहुंचे राजकुमार ने बताया कि वह पिछले 4 दिनों से परिवहन कार्यालय पहुंच रहे हैं लेकिन कभी सर्वर डाउन तो, कभी कोई और बात कहा उन्हें लौटा दिया जाता है. उन्होंने कहा कि, लंबी यात्रा कर यहां आकर लौटना बेहद थका होता है लेकिन भारी भरकम जुर्माना भरने से बेहतर यही है. नगर के प्रतिष्ठित व्यवसायी शिवजी खेमका ने बताया कि उनका ड्राइविंग लाइसेंस कहीं गुम हो गया था हालांकि, अब फिर से नया ड्राइविंग लाइसेंस बनवा रहे हैं.
16 साल उम्र से अधिक के आवेदकों को बिना गियर वाले वाहन चलाने की अनुमति:

जिला परिवहन पदाधिकारी मनोज कुमार रजक ने बताया कि, वाहन चालकों को पहले लर्निंग लाइसेंस किया जाता है. जिसके बाद 30 दिनों के पश्चात उन्हें परमानेंट लाइसेंस प्रदान कर दिया जाता है. बिना गियर के दो पहिया वाहन चलाने लेकिन, 16 साल से ज्यादा उम्र के आवेदक आवेदन कर सकते हैं हालांकि, इसके लिए उन्हें अपने अभिभावक की सहमति देनी होती है. गियर वाले दो पहिया वाहन के अतिरिक्त सभी चार पहिया वाहनों को चलाने के लिए लाइसेंस लेने की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष निर्धारित है.

लर्निंग लाइसेंस है तो संभाल कर चलाएं वाहन:

उन्होंने बताया कि पहले आवेदक को लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन करना पड़ता है. इसके बाद 30 दिनों  के बाद ही उसे स्थाई लाइसेंस किया जा सकता है. हालांकि, इसके लिए आवेदक को एक टेस्ट देना पड़ता है. लर्निंग लाइसेंस निर्गत करने के पश्चात चालक को वाहन पर कैपिटल एल लिखकर वाहन का चालन करना होता है. हालांकि, वह भीड़भाड़ वाले इलाकों अथवा रास्तों पर वाहन लेकर नहीं निकल सकते। स्थाई लाइसेंस बनने के बाद ही वह किसी भी सड़क पर वाहन चला सकते हैं.

क्या हैं निर्धारित प्रक्रियाएं: 

दो पहिया एवं चार पहिया वाहनों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए सर्वप्रथम आपको विहित प्रपत्र में भरकर आवेदन के साथ उम्र तथा पते के प्रमाण पत्र, ब्लड ग्रुप रिपोर्ट एवं दो पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ देने होते हैं. तत्पश्चात  परिवहन विभाग के कार्यालय के काउंटर पर चालान कटाना होता है. विभाग द्वारा अलग-अलग शुल्क निर्धारित किए गए हैं. दोपहिया वाहनों के लिए जहां पहली बार 420 रुपये का चालान कटाना पड़ता है. वहीं, दूसरी बार 1290 रुपये का शुल्क अदा करना पड़ता है. दोपहिया तथा चार पहिया हल्के भार वाहन के लिए एक साथ लाइसेंस बनवाने के लिए पहली बार 790 तथा दूसरी बार 2300 रुपये का शुल्क निर्धारित है. ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आप विभाग की वेबसाइट sarathi.parivahan.gov.in पर जाकर अथवा यहाँ क्लिक कर आवेदन कर सकते हैं.













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