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बक्सर में अब पुलिस पहना रही हेलमेट, कह रही - "टेक केयर" ..

तुरंत हेलमेट खरीद उसे सर पर पहनने पर उनका चालान भी नहीं काट रही थी. जांच अधिकारी ने कई दोपहिया चालकों को खुद हेलमेट पहनाया और नियमों का पालन करते हुए गाड़ी चलाने का आग्रह भी किया. पुलिस की इस नई पहल की शहर में खूब सराहना की जा रही है.

- मोतिहारी के बाद अब बक्सर में भी शुरू हुई नई पहल.
- लोग कर रहे हैं पुलिस के बदले तेवर की सराहना.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: देश में नया मोटर एक्ट लागू होने के बाद आए दिन भारी-भरकम जुर्माना वसूले जाने की खबर जहां सुर्खियों में बनी हैं. वहीं, बक्सर में भी रोजाना वाहन जांच में पकड़े जाने पर लोग भारी-भरकम जुर्माना चुका रहे हैं. हालांकि, गुरुवार को नगर थाना के पास वाहन जांच का स्वरूप कुछ बदला हुआ था. जांच में बिना हेलमेट के पकड़े गए लोगों को पुलिस न सिर्फ उनकी सुरक्षा के लिए इसे जरूरी बता रही थी, बल्कि तुरंत हेलमेट खरीद उसे सर पर पहनने पर उनका चालान भी नहीं काट रही थी. जांच अधिकारी ने कई दोपहिया चालकों को खुद हेलमेट पहनाया और नियमों का पालन करते हुए गाड़ी चलाने का आग्रह भी किया. पुलिस की इस नई पहल की शहर में खूब सराहना की जा रही है.

मौजूदा समय परिवहन विभाग की नई जुर्माना प्रणाली से पूरे देश में एक तरफ जहां बवाल मचा हुआ है तो कई राज्यों ने जुर्माना राशि को जरूरत से बहुत अधिक बताते हुए इसे अब तक लागू नहीं किया है. दरअसल, मोतिहारी में पुलिस द्वारा लोगों का चालान न काटकर उन्हें मौके पर ही हेलमेट और डीएल आदि बनवाने की व्यवस्था इन दिनों काफी चर्चा में है। इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए बक्सर पुलिस ने भी गुरुवार को इसकी एक नई मिसाल पेश की. पुलिस ने चालान काटने की बजाय लोगों को हेलमेट पहन चलने की आदत डालने पर ज्यादा जोर दिया. इस दौरान बिना हेलमेट के पकड़े गए वाहन चालकों को यह विकल्प दिया गया कि वे मानक के अनुरूप हेलमेट खरीद कर तुरंत लाएं और उसे पहनकर यहां से बिना चालान कटाए गाड़ी ले जाएं. इस दौरान यातायात प्रभारी ने बकायदा माइक के माध्यम से वाहन चालकों को नए मोटर एक्ट की बारीकियों को बताते हुए बकायदा इसका पाठ पढ़ाया. पकड़े गए चालकों को उन्होंने यह भी कहा कि यह दूसरी बार पकड़े जाने पर हर हाल में चालान कटेगा. मौके पर अंगद सिंह ने बताया कि वाहन चालकों के लिए हेलमेट की अनिवार्यता उनकी ही सुरक्षा के लिए है. जिसको देखते हुए उन्होंने जो जुर्माना देने में सक्षम थे, उनसे जुर्माना वसूल किया. जबकि जो सक्षम नहीं थे उनसे मौके पर ही हेलमेट की खरीद करा उन्हें पहनाकर ही छोड़ा.














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