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बापू की पाती पढ़ कैदियों के जीवन में आएगा परिवर्तन ..

इन दोनों पुस्तकों को पढ़कर सुनाएगा ताकि कैदी आसानी से गांधी जी के विचारों तथा उनकी जीवन शैली से अवगत हो सकें तथा उसे आत्मसात कर जेल में आपसी प्रेम तथा भाईचारे को अपनाएं वहीं, यहाँ से निकलने के पश्चात भी एक नए जीवन की शुरुआत कर सकें.

- महात्मा गांधी के जीवन संदेश को कैदियों के बीच में पहुंचा रहा कारा प्रशासन.
- शुरू किया गया अभियान 2 अक्टूबर तक कैदी रोज पढ़ेंगे महात्मा गांधी की जीवनी.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जेल आईजी मिथिलेश मिश्रा के निर्देश पर बिहार के सभी केंद्रीय कारा, मंडल कारा और उप कारा में कैदी महात्मा गांधी के विचारों और उनकी सोच से अवगत हो रहे हैं. मंगलवार को बक्सर केंद्रीय कारा में भी इस अभियान की शुरुआत की गई. जानकारी देते हुए जेल अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा ने बताया कि, आईजी के निर्देश पर सभी कैदियों को गांधी जी के जीवन से जुड़ी दो किताबों को पढ़ाना है. ताकि, वह गांधी जी के विचारों को अपने जीवन में आत्मसात कर सकें. उन्होंने बताया कि, कैदियों के बीच "बापू की पाती" और "एक था मोहन" नामक किताब उपलब्ध कराई गई है. इसे हर वार्ड में वितरित किया गया है.

2 अक्टूबर तक चलाया जाएगा अभियान:

जेल अधीक्षक ने बताया कि यह कार्यक्रम पूरे 1 माह तक चलाया जाएगा. 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर इस कार्यक्रम का समापन होगा. कार्यक्रम के दौरान प्रतिदिन एक कैदी वार्ड के सभी कैदियों को इन दोनों पुस्तकों को पढ़कर सुनाएगा ताकि कैदी आसानी से गांधी जी के विचारों तथा उनकी जीवन शैली से अवगत हो सकें तथा उसे आत्मसात कर जेल में आपसी प्रेम तथा भाईचारे को अपनाएं वहीं, यहाँ से निकलने के पश्चात भी एक नए जीवन की शुरुआत कर सकें.
पिछले वर्ष भी आयोजित हुए थे कई कार्यक्रम:

महात्मा गांधी की 150 वीं. जयंती पर पिछले वर्ष केंद्रीय कारा में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें गांधी जी के भजनों के साथ-साथ स्वच्छता अभियान तथा उनके जीवन से जुड़ी प्रेरणास्पद कहानियों का श्रवण शामिल था. माना जा रहा है कि, उस कार्यक्रम से कैदियों के जीवन शैली में काफी बदलाव आया था. इसके मद्देनजर जेल प्रशासन ने एक बार फिर पूरे महीने भर यह कार्यक्रम चलाने का निर्णय लिया है. कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए जेल उपाधीक्षक सतीश कुमार सिंह समेत अन्य जेलकर्मी भी काफी उत्साह से कार्य कर रहे हैं.













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