भ्रष्टाचार मामला: कर्मियों के अनुरोध को दरकिनार कर स्थानीय अधिकारियों को मिला जाँच का जिम्मा ..
हालांकि, मनरेगा कर्मियों ने मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में अपने हस्ताक्षर के संदर्भ में पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि, उन्होंने अपने सही हस्ताक्षर नहीं किए हैं ताकि अधिकारियों द्वारा उन पर कोई दबाव नहीं बनाया जा सके.
- शिकायतकर्ताओं से लिया गया लिखित आवेदन.
- कर्मियों ने जताई लीपापोती की आशंका.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: डीडीसी से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में बिहार सरकार के अपर सचिव से मिले निर्देशों के आलोक में अपर समाहर्ता चंद्रशेखर झा एवं सदर डीएसपी अरुण कुमार गुप्ता के द्वारा जांच शुरू कर दी गई है. अपर समाहर्ता चंद्रशेखर झा ने शिकायतकर्ता मनरेगा कर्मियों से एक-एक कर बुलाकर पूछताछ की है साथ ही उनसे उनके द्वारा की गई शिकायत के आलोक में एक बार फिर लिखित पत्र भी लिख लिया गया है.
मनरेगा कर्मियों ने जताई लीपापोती की आशंका:
मुख्यमंत्री को भेजे गए अपने शिकायती पत्र में मनरेगा कर्मियों ने यह कहा था कि, उन्हें यह डर है कि, बक्सर के अधिकारी उनकी नौकरी भी खा सकते हैं. ऐसे में जाँच सीधे विजिलेंस से कराई जाए. हालांकि, जाँच अपर समाहर्ता तथा सदर डीएसपी के द्वारा कराई जा रही है. ऐसे में मनरेगा कर्मियों ने दबी जुबान से इस जाँच में लीपापोती का अंदेशा ज़ाहिर किया है.
बोले अपर समाहर्ता, कर्मियों ने किया शिकायत से इनकार:
अपर समाहर्ता चंद्रशेखर झा ने जाँच रिपोर्ट सार्वजनिक करने से तो इनकार किया लेकिन, उन्होंने एक बात यह जरूर बताई कि, मनरेगा कर्मियों ने किसी प्रकार की शिकायत किए जाने से इनकार किया है. उन्होंने बताया कि, जिन मनरेगा कर्मियों के हस्ताक्षर शिकायती पत्र पर थे उनसे एक लिखित आवेदन ले लिया गया है जिस पर उन्होंने किसी प्रकार की शिकायत नहीं किए जाने की बात कही है.
हालांकि, मनरेगा कर्मियों ने मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में अपने हस्ताक्षर के संदर्भ में पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि, उन्होंने अपने सही हस्ताक्षर नहीं किए हैं ताकि अधिकारियों द्वारा उन पर कोई दबाव नहीं बनाया जा सके.
मुख्य आरोपी के साथ वरीय अधिकारी ने घंटों तक की बातचीत:
इस मामले में मुख्य आरोपित मुकेश कुमार के साथ जिले के एक आला अधिकारी ने शनिवार की देर शाम तक अपने चेंबर में बैठकर बातचीत की. बताया जा रहा है कि वह छुट्टी पर थे तथा मामला प्रकाशित होने के बाद वह आनन-फानन में शनिवार को बक्सर पहुँचे. माना जा रहा है कि इस मामले को लेकर अधिकारी भी काफी गंभीर हैं. जिसे लेकर वह घंटो तक विचार-विमर्श करते रहे.
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