Buxar Top News: गूँज.. बक्सर के लाल द्वारा शिक्षा से बिहार का भविष्य संवारने की ...
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: कहते है हमारे देश में दो देश बसते है एक, समृद्ध और संपन्न 'इंडिया' और दूसरा अभावों से जूझता 'भारत'। जब आप पटना से इंडिया देख कर 350 किमी दूर सहरसा पहुचेंगे तो आपको इस भारत के दर्शन होंगे। एक ऐसा भारत जिसकी 80 प्रतिशत से अधिक आबादी के पास आज भी पक्के मकान नहीं है, स्वास्थ्य सुविधाएं और पेयजल की सुविधा तक नहीं है। ऐसे ही सहरसा के एक गाँव अगरैल में जब "गूँज" की टीम पहुँची तो जीवनोपयोगी सुविधाओं की नितांत आवश्यकता के साथ ही वहाँ के एकमात्र विद्यालय की दुर्दशा भी देखी जो कि 15x20 फिट की ऐसी जगह में था जहाँ भैंसे और गाय बाँधी जाती थी। विद्यालय के पास भवन तो दूर बैठने तक की सुविधा नहीं थी। तब गूँज ने अपने 'क्लॉथ फॉर वर्क' के तहत इस स्कूल के निर्माण का जिम्मा उठाया। गाँव के सारे लोग दलित वर्ग से आते है तो स्वाभाविक है कि उनके पास जमीन का अभाव होगा। लेकिन फिर भी गाँव के ही तीन भाइयों, भरत, शत्रुघ्न और लक्ष्मण ने अपनी जमीन का एक बड़ा हिस्सा विद्यालय के निर्माण के लिए दान दे दिया। भरत जी ने बताया- "अगर आज हम अपने बच्चों को उचित शिक्षा नहीं देंगे तो कल उनकी जिंदगी भी मजदूरी करते हुए ही बीतेगी। शिक्षा से ही उनका और हमारा भविष्य संवारा जा सकता है।" फिर गाँव के ही 55 परिवारों ने मिल कर उस ज़मीन पर ना सिर्फ विद्यालय का निर्माण किया बल्कि शौचालय, कूड़ा दान के साथ साथ मिड डे मील बनाने के लिए रसोई का भी निर्माण कर दिया। विद्यालय की शिक्षिका चंदा कुमारी बताती है- "पहले वाली जगह पर बच्चे पढ़ने नहीं आते थे क्योंकि वहां पर उन्हें जानवरो के साथ बैठना पड़ता था। लेकिन हम सब गूँज के आभारी है जो उन्होंने सभी को विद्यालय को बनाने को प्रेरित किया।" एक छात्रा ज्योति ने बताया- नए स्कूल बहुत अच्छा लग रहा है और इसमें हम लोग मन लगा कर पढ़ेंगे।" आज इस विद्यालय को गूँज के संयोजक शिवजी चतुर्वेदी ने गाँव वालों को समर्पित किया। इस अवसर पर श्री चतुर्वेदी ने कहा- "शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधा से कोई भी बच्चा वंचित ना रहे इसके लिए गूँज हमेशा प्रयत्नशील रहेगी। शिक्षा ही वह साधन है जिससे एक नए भारत का निर्माण संभव हो सकेगा।"
इस अवसर पर सारे बच्चों में पठन पाठन की सामग्री का वितरण भी किया गया। कई कहानियों में से यह एक कहानी है कि गूँज ने कैसे लोगो के जीवन को संवारा। यह गूँज.. एक नए बिहार के बनने की गूँज है। यह गूँज एक नए भविष्य की गूँज है!
इस अवसर पर सारे बच्चों में पठन पाठन की सामग्री का वितरण भी किया गया। कई कहानियों में से यह एक कहानी है कि गूँज ने कैसे लोगो के जीवन को संवारा। यह गूँज.. एक नए बिहार के बनने की गूँज है। यह गूँज एक नए भविष्य की गूँज है!
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