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Buxar Top News: संसाधनों की कमी ट्रैफिक जाम का कारण - अमित |

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: आबादी में बढ़ोतरी और आधुनिक होते समाज के साथ ट्रैफिक का दबाव बढना लाजमी है। जरूरत वाजिब व्यवस्था की होती है, जो यातायात को सुचारू और नियंत्रित रखे। ऐसा संसाधनों के बल-बूते ही संभव है।

अगर पर्याप्त संसाधन और वाजिब व्यवस्था हो तो हादसों की तादाद बहुत हद तक कम की जा सकती है। अफसोस कि सूबे में ऐसी स्थिति नहीं। संसाधन स्मार्ट पुलिसिंग की राह में रोड़ा बने हुए हैं और व्यवस्था दिन-ब-दिन बढ़ते हादसों की मूकदर्शक बनी है। सूबे की पुलिस और यातायात पुलिस के साथ परिवहन एवं पथ निर्माण विभाग के सिस्टम की कमियां प्रति वर्ष सैकड़ों परिवार की जिंदगी से रोशनी छीन रही है। गलत ड्राइविंग की वजह से बेतहाशा लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं।

कोई ट्रैफिक सिग्नल नहीं होने की वजह से काल का ग्रास बन गया तो किसी ने मामूली लापरवाही में जान गंवा दी। सड़कों पर वाहनों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में यातायात व्यवस्था बेहतर बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो गया है।

संसाधनों की कमी से समस्या

आरटीआई एक्टिविस्ट अमित राय का कहना है कि यातायात नियमों का पालन कराने और उल्लंघन रोकने के लिए यातायात पुलिस और परिवहन विभाग के पास संसाधनों की भारी कमी है। मानवीय संसाधन के रूप में भी ट्रैफिक पुलिस का ढांचा पर्याप्त नहीं। नशेबाज ड्राइवरों के खिलाफ शिकंजा कसने के लिए ब्रेथ एनलाइजर नहीं है। तेज रफ्तार वाहन चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए स्पीडो मीटर नहीं है। सड़क पर नो-पार्किंग जोन पर बेतरतीब खड़े वाहनों को जब्ती के लिए व्हीकल केचर क्रेन का मुकम्मल इंतजाम नहीं है। ट्रैफिक पुलिस को सिग्नल तोड़कर या चेकिंग के दौरान भागने वाले वाहन चालकों पर कार्रवाई के लिए सबूत जरूरी होता है। लेकिन इसके लिए डिजिटल कैमरे की व्यवस्था भी नहीं हैं।

चुनौती से पार पाएगी ट्रैफिक पुलिस

संसाधनों के साथ इच्छाशक्ति की कमी, काम में लापरवाही और भ्रष्टाचार कोढ़ में खाज बने हुए हैं। यातायात व्यवस्था के साथ वीआइपी मूवमेंट समेत बड़े आयोजन, रैली और प्रदर्शन के दौरान भी यातायात व्यवस्था बेहतर बनाए रखने के लिए यातायात पुलिस को जूझना पड़ता है। इसके लिए संसाधन पर्याप्त नहीं। सुखद मात्र इतना है कि ट्रैफिक पुलिस ने चुनौतियों से पार पाने की ठान ली है। ट्रैफिक पुलिस जल्द ही स्मार्ट पुलिसिंग की तर्ज पर ड्यूटी और कार्रवाई करते नजर आएगी।

संसाधनों की दरकार

आरटीआई एक्टिविस्ट अमित राय ने सरकार को एक पत्र लिख स्पीडो मीटर, व्हीकल केचर क्रेन, सीसीटीवी कैमरा, ब्रेथ एनालाइजर हैंड गलब्स, इलेक्ट्रानिक्स स्टीक, डिजिटल कैमरे और ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम की प्रत्येक जिलों में जल्द व्यवस्था कराने का आग्रह किया है।




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