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Buxar Top News: मानव जीवन के लिए अर्थ व धर्म दोनों आवश्यक - पंडित कृष्णानन्द शास्त्री |


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर:  मानव के जीवन में अर्थ (धन) एवं धर्म दोनों की आवश्यकता है। दोनों ही महत्वपूर्ण है, यदि धन न रहे तो संसार में जीना मुश्किल होगा और धर्म न रहे तो मानव होने के बाद भी व्यक्ति पशु हो जाएगा। उक्त बातें विश्व प्रसिद्ध रामेश्वरनाथ मंदिर में चल रहे लक्ष्मीनरायण महायज्ञ के दौरान आयोजित कथा के छठवें दिन कथावाचक कृष्णानन्द शास्त्री ने कही। 
उन्होने कहा कि धन से व्यक्ति के शरीर से संबंधित सभी आवश्यकताओं की पूर्ति होती है एवं परिवार का भरण पोषण होता है। तथा समाज में प्रतिष्ठा एवं लोक के सभी सुख धन से ही संभव होते है।  अतएव धन के बिना आदमी का जीना एवं संसार में एक पल भी रह पाना मुश्किल होगा इस प्रकार धन का स्थान धर्म से बड़ा, महान एवं आत्या वश्यक प्रतीत हो रहा है। किन्तु शास्त्रों में जब मनुष्य के जीवन के लिए अत्यावश्यक वस्तुओं का विचार किया जाने लगा तब सर्वप्रथम स्थान धर्म का बताया गया और दुसरे नम्बर पर धर्म को रखा गया। धर्म-अर्थ अर्थत धर्म अत्यावश्यक तथा धन आवश्यक है। जीवात्मा के लिए शास्त्रों में धर्म एवं धन की आवश्यकता का विशद् विवेचन एवं निराकरण किया गया है। जैसे हम सभी मानवों के लिए धन शरीर की तरह तथा धर्म प्राण की तरह प्राप्तव्य एवं रक्षणीय है। धन इस संसार में मात्र शरीर को सुख देने के काम में उपयोगी है। जबकि धर्म इस लोक के साथ परलोक में भी महान सुख का निश्चित दाता है। 




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