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Buxar Top News: साहित्यकारों के सम्मान व प्रोत्साहन के लिए सदैव तत्पर रहा है भोजपुरी साहित्य मंडल – अनिल त्रिवेदी |



बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर:  आज का युग साहित्य के मंथन का युग है। इस पर आज सोशल मीडिया की ओर से बड़ा खतरा पैदा हो गया है। लेखनी पर सोशल मीडिया का संकट मंडरा रहा है। पुस्तक लेखन व प्रकाशन एक जटिल प्रक्रिया है। इसका डिजिटल स्वरूप भी आना चाहिए। ताकि, लोग मोबाइल के माध्यम से साहित्य के करीब हो सकें। “बक्सर वैभव” व “ढेर दिन भइल” के विमोचन पर साहित्यकारों ने उक्त विचार रखे।



भोजपुरी साहित्य मंडल द्वारा अनुमंडलीय पुस्तकालय में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता अनिल कुमार त्रिवेदी ने की। कार्यक्रम का संचालन शिव बहादुर प्रीतम ने किया। आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए डॉ. अरूण मोहन भारवि ने बक्सर की समृद्ध साहित्य परंपरा में दोनों पुस्तकों के रचनाकार कुशध्वज सिंह का नाम जोड़ने का स्वागत किया। वहीं, अध्यक्षीय भाषण में त्रिवेदी ने कहा कि मंडल सदा से साहित्य व साहित्यकारों को सम्मान व प्रोत्साहन के लिए समर्पित रहा है। यह देश की सबसे पुरानी और सबसे सक्रिय तथा रजिस्टर्ड संस्था है। मौके पर दीपनारायण सिंह, रामेश्वर मिश्र, धन्नू लाल, कुमार नयन, पत्रकार कंचन किशोर, डॉ.शशांक शेखर, चंद्रकांत निराला, रजनीकांत, राकेश, महेश्वर ओझा, भगवान पांडेय, ललित बिहारी मिश्र, उमेश कुमार पाठक, रामबचन तिवारी, अनिल चौबे, प्रभंजन भारद्वाज, आदि ने मुन्ना द्वारा रचित पुस्तकों पर अपने विचार व्यक्त किए। इन लोगों ने द्वय पुस्तकों की सराहना करते हुए कहा कि पुस्तकें रोचक हैं, उपादेय हैं, सामयिक है और पाठक को बक्सर के वैभव से रूबरू कराती हैं। कार्यक्रम का समापन कुशध्वज सिंह के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।





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