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Buxar Top News: दहेज़ उत्पीड़न के मामले में अब गिरफ्तारी पर रोक, प्राथमिकी दर्ज करने पर भी बरतनी होगी सावधानी ..


पति पत्नी के विवाद में पुलिस द्वारा नाजायज़ उत्पीड़न को सर्वोच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है.

- जागरूकता के अभाव में नहीं हो रहा अनुपालन.
- प्राथमिकी तक नहीं हो सकती है दर्ज.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: पति पत्नी के विवाद में पुलिस द्वारा नाजायज़ उत्पीड़न पर सर्वोच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है एवं ऐसे मामले में गिरफ्तारी करने एवं प्राथमिकी तक दर्ज करने पर नकेल कस दी है.
ज़िला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव मौसमी सिंह ने बताया कि पारिवारिक मामलों दहेज़ उत्पीड़न के संबंध मे सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस द्वारा मनमानी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए प्राथमिकी भी दर्ज करने में सावधानी बरतने की हिदायत दी है और हर जिले में प्राधिकार द्वारा गठित परिवार कल्याण समिति के संस्तुति पर ही  प्राथमिकी दर्ज करने की हिदायत दी है. इस संबंध में बक्सर ज़िला में परिवार कल्याण समिति का गठन ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश अजय कुमार श्रीवास्तव ने कर दिया है. अवकाश प्राप्त अपर न्यायाधीश रघुवर शरण पांडेय सुनीता उपाध्याय एवं पारा विधिक स्वंयसेवक पंकज कुमार को समिति में शामिल किया गया है. अब दहेज़ के मामले थाना या न्यायालय में प्रतिवेदित होने पर परिवार कल्याण समिति को रेफर किया जायेगा और समिति दोनों परिवारों से मशविरा कर अपनी संस्तुति देगी तो प्राथमिकी दर्ज कर कारवाई होगी या सुलह हुआ तो मामला रफा दफा कर भी देगी. गिरफ्तारी भी समिति की संस्तुति पर ही होगी. पुलिस वर पक्ष के किसी भी सदस्य को परेशान नहीं करेगी और अनुसंधान कर्ता भी कोई नहीं होगा पारिवारिक समस्याओं से संवेदनशील एवं उचित प्रशिक्षण प्राप्त पुलिस अधिकारी ही होंगे. 
उच्चतम न्यायालय ने पूर्व में ही 41 ए दंड संहिता के अनुपालन के बाद ही ऐसे मामले में गिरफ्तार करने का आदेश दिया था अब उसे और सख्त कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने सात साल से कम सजा वाले मामलों में भी गिरफ्तारी के लिए दिशा निर्देश दिया है. लेकिन विधिक जागरूकता के अभाव में इसे अनुपालन नही किया जा रहा है.














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