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Buxar Top News: सभ्य समाज के लिए अभिशाप है दहेज - गुप्तेश्वर पांडेय |


आज के दौर में समाज में दहेज का लालच बढ गया है.


- बेहतरीन समाज के निर्माण के लिए लोगों को आना होगा आगे.
- आज के परिवेश में बढ़ गया है लोगों का लालच.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: आज के दौर में समाज में लालच बढ गया है. हर कोई अपने रिश्तेदार, पाटीदार से ज़्यादा दहेज लेकर अपनी शान बढाना चाह रहा है लेकिन ये सही नही है. ये सभ्य समाज के लिये अभिशाप है. बिहार में दहेज बंदी के लिये अभियान शुरू किया गया है ये हमारे समाज में बदलाव लाने का काम कर रहा है. उक्त बातें बिहार पुलिस के डीजी गुप्तेश्वर पाण्डेय ने कही.
दहेज प्रथा को लेकर चिंतन करते हुए श्री पाण्डेय ने कहा कि हम सोशल मीडिया, व्यक्तिगत बैठकों और एक दूसरे के माध्यम से लोगो से अपील करें कि आप दहेज ना लें बल्कि बिना दहेज की शादी करें और समाज की बेहतरी में अपना योगदान दें.

आजकल कई शादियां इसी दहेज की डिमांड ना पूरी होने पर टूट जाती हैं, और लड़की के घर वालों पर इसका बुरा असर पड़ता है.

श्री पांडेय ने कहा कि हमें उम्मीद है कि लोग हमारी बातों को समझेंगे और समाज में फैली इसी बीमारी को दूर करने में अपना सहयोग देंगे. वरिष्ठ आईपीएस गुप्तेश्वर पाण्डेय ने यह भी कहा कि यदि हमें शिकायत मिलती है कि कोई जबरदस्ती दहेज मांग कर रहा है तो उसके खिलाफ़ पुलिस में शिकायत की जायेगी और उस पर पुलिस कड़ी कार्यवाही भी करेगी क्योंकि ये अभियान सरकारी स्तर से भी चल रहा है.
श्री पाण्डेय ने राज्य वासियों से अपील की है कि यदि किसी को दहेज लेने वालों की शिकायत करनी है तो बिना हिचक प्रशासनिक अधिकारियों से करें और एक बेहतरीन समाज के निर्माण में सहयोग दीजिये.

डीजी गुप्तेश्वर पाण्डेय ने आगे कहा- लोग दहेज की समस्या की वजह से ही अपनी बेटी का विवाह सिर्फ सरकारी नौकरी वालों से ही करना चाहते हैं। इस वजह से बहुत से सीधे साधे परिवार को भी अपने लड़के के लिए बिना सरकारी नौकरी के उपयुक्त लड़की मिलना बहुत ही मुश्किल होता जा रहा हैं। आप भी समाज से दहेज की कुरीति को भगाने में मदद कर सकते हैं।
कुछ रहीश लोग अपनी लड़की की शादी में काफी दहेज देते हैं, जिस वजह से दूसरों के मन में भी लालच पनपता हैं। इसलिए आप अपनी जीभ के स्वाद, मन के लालच और दोस्ताना फर्ज को भूलकर विवेक से काम लें। किसी शादी में दहेज दिया जाएगा या नहीं इसके बारे में पहले ही कार्ड देने वालों से पूछ लें। उनको साफ शब्दों में समझा दो कि "यदि शादी में दहेज प्रथा होगी और मुझे ऐसी शादी में बुलाया जाएगा तो मैं शादी में शामिल नही हो सकता। चुकी दहेज लेना या देना हमारे संस्कृति के अनुकूल नही है और हमारी संस्कृति की रक्षा करना हर एक की नैतिक जिम्मेदारी होती हैं।"

 














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