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Buxar Top News: लालू यादव के जेल जाने के बाद कसमसा रहे हैं कार्यकर्ता, बक्सर में "साहेब" के आदेश के बाद बनेगी रणनीति ...

ऐसे में जिले में स्थिति यह है कि राजद कार्यकर्ता मायूस तो है. लेकिन अपनी अभिव्यक्ति को जग जाहिर करने में खुद को असमर्थ पा रहे हैं.

- 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से 89 लाख़, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी के मामले में सुनाया गया है फैसला. 
- बक्सर में राजद कार्यकर्ताओं में छाई है मायूसी.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर/रांची: चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया है. 3 जनवरी को मामले में अब उनको सजा सुनाई जाएगी. फैसला आने के बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र के अलावा बिहार के पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद और पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, हार्दिक चंद्र चौधरी, सरस्वती चंद्र और साधना सिंह को दोषमुक्त करार कर दिया. जबकि लालू सहित 16 लोगों को अदालत ने दोषी पाया है. इस मामले में दोषी ठहराये गए सभी 16 लोगों को हिरासत में लेकर बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया है.

अदालत ने 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से 89 लाख़, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी के मामले में फैसला सुनाया है. अवैध ढंग से धन निकालने के इस मामले में लालू प्रसाद यादव एवं अन्य के खिलाफ सीबीआई ने आपराधिक षड्यन्त्र, गबन, फर्जीवाड़ा, साक्ष्य छिपाने, पद के दुरुपयोग आदि से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120बी, 409, 418, 420, 467, 468, 471, 477 ए, 201, 511 के साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(डी) एवं 13(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया था.

इस मामले में कुल 38 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इनमें से 11 की मौत हो चुकी है, वहीं तीन सीबीआई के गवाह बन गये जबकि दो ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया था जिसके बाद उन्हें 2006-07 में ही सजा सुना दी गयी थी. इसके बाद 22 आरोपी बच गए थे, जिनको लेकर यह फैसला सुनाया गया.

इस मामले में तीन आईएएस अधिकारियों फूलचंद सिंह, बेक जूलियस एवं महेश प्रसाद को भी आरोपी बनाया गया था.

फैसला आते ही बक्सर में राजनीति गरमा गई हालांकि यह लगभग तय था कि आज कोई बड़ा फैसला आ सकता है. राजद के वरिष्ठ नेताओं से बात कर उनके आगे की रणनीति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने अभी कुछ भी कहने से इनकार किया उन्होंने बताया कि उनका अगला कदम पार्टी आलाकमान से मिले निर्देशों के अनुसार ही तय किया जाएगा. जाहिर तौर पर कहा जा सकता है की लालू प्रसाद यादव के जेल जाने के बाद अब छोटे साहब यानी कि तेजस्वी यादव के आदेश पर ही पार्टी कोई भी कदम उठाने जा रही है. ऐसे में जिले में स्थिति यह है कि राजद कार्यकर्ता मायूस तो है. लेकिन अपनी अभिव्यक्ति को जग जाहिर करने में खुद को असमर्थ पा रहे हैं.






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