Buxar Top News: सवर्ण संघर्ष समिति ने सरकार से की आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग, कहा- ज्यादती नहीं होगी बर्दाश्त !
जब तक समाज में अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति का विकास नहीं किया जाएगा तब तक देश विकसित नहीं हो सकता.
- आर्थिक आधार पर आरक्षण की सरकार से की गयी मांग.
- बाइक जूलूस निकाल किया नगर भ्रमण.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बक्सर जिला सवर्ण संघर्ष समिति के तत्वाधान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता रोहित ओझा एवं संचालन बिट्टू सिंह द्वारा किया गया. इस कार्यक्रम का संयोजन त्रिभुवन पाठक द्वारा किया गया था. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य देशभर में आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग करना था.
इस दौरान उपस्थित वक्ताओं में एक स्वर में बिहार सरकार एवं भारत सरकार से मांग किया कि जाति के आधार पर आरक्षण नही आर्थिक आधार पर योग्य लोगों को आरक्षण दिया जाए. जब तक देशभर में आरक्षण का पैमाना आर्थिक आधार नहीं होगा तब तक दीनदयाल जी के सपनों को साकार नहीं किया जा सकता. क्योंकि दीनदयाल जी ने कहा था जब तक समाज में अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति का विकास नहीं किया जाएगा तब तक देश विकसित नहीं हो सकता. लेकिन आजकल देश के सभी राजनीतिक समाज के अंतिम पायदान व्यक्ति जाति के आधार पर मानते हैं. परन्तु अब ऐसा नहीं होने दिया जाएगा.यह ज़्यादती अब बर्दाश्त से बाहर हो गया. हमे अधिक नही लेकिन अपने हिस्से का हक चाहिए.
अगर ऐसा नहीं होगा तो चरणबद्ध आंदोलन करके उसके लिए अलख जगाया जाएगा और देशव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी. इस कार्यक्रम में सभी दलों के स्वर्ण उपस्थित हुए. सभी सभी स्वर्ण ने एक स्वर में कहा पहले हम जिस जाति में पैदा हुए हैं वह है और उसके अधिकार की लड़ाई लड़ने है. हम अपने समाज को अधिकार दिलाने और लेने का काम करेंगे.
जिसमें सुशील राय, विशाल तिवारी, सौरभ तिवारी, बंटी तिवारी, प्रिय रंजन चौबे, सुनील ओझा, कमलेश सिंह, विशाल श्रीवास्तव, सुशील ओझा, मुन्ना पाठक, मंटू कुमार बबुआ जी, आदित्य ठाकुर, रिंकू मिश्रा, दीपू मिश्रा डब्लू पाठक सोनू गुप्ता ओम प्रकाश गुप्ता राजेश मिश्रा नागेश्वर पाठक, अविनाश पांडेय, रुपेश दुबे, राहुल दुबे, धनजी सिंह के साथ साथ लगभग 200 लोग शामिल हुए. सभा के उपरांत दुपहिया वाहन से एक रोड जुलूस सम्मानित वक्ताओं के देखरेख में निकला. जो किला मैदान से निकल कर ठठेरी बाजार शहीद पार्क सत्यदेव गंज होते हुए पुनः किला मैदान पहुंचा.
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