Buxar Top News:वीडियो: इतिश्री नरमुंड कथा: 26 खोपड़ियों और 23 हड्डियों के साथ जीआरपी के शिकंजे में आया मानव नरकंकाल तस्कर, चाइना तक है कनेक्शन ..
मानव हड्डियों के साथ तत्काल ज्योंही ट्रेन में सवार होने के लिए बढ़ा, त्यों ही जीआरपी के जवानों की नज़र उस पर पड़ी तथा उन्होंने इस संदिग्ध तस्कर को रोका तथा उसे हिरासत में लेते हुए उससे पूछताछ शुरू की.
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- नरमुंडों की प्राप्ति के लिए हत्या तक के वारदात को देते हैं अंजाम
- कई सफेदपोश भी है मांडव अस्थियों की तस्करी में हैं शामिल.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जीआरपी बक्सर द्वारा शुक्रवार को एक संदिग्ध व्यक्ति को ट्रेन में सवार होते समय गिरफ्तार कर लिया गया मामले में थाना अध्यक्ष कमलेश राय ने बताया कि बैग में भारी मात्रा में मानव हड्डियों के साथ तत्काल ज्योंही ट्रेन में सवार होने के लिए बढ़ा, त्यों ही जीआरपी के जवानों की नज़र उस पर पड़ी तथा उन्होंने इस संदिग्ध तस्कर को रोका तथा उसे हिरासत में लेते हुए उससे पूछताछ शुरू की जब उसकी बैग की तलाशी ली तो बक्सर 26 मानव की खोपड़ी और 23 हड्डियां जखीरा बरामद हुआ. पकड़े गए तस्कर ने अपना नाम तूफानी डोम पिता हरेंद्र डोम बताया जो कि नगर थाना क्षेत्र के मठिया मोहल्ले का रहने वाला है.
पूछताछ में तस्कर तूफानी ने बताया कि वह गंगा में बहती लाशों कब्र से निकाली लाशों एवं अन्य लावारिस लाशों की हड्डियों को इकट्ठा कर पटना ले जा रहा था, जहां से वह दूसरी पार्टी को सौंपने वाला था.गिरफ्तार तस्कर को पुलिस ने शनिवार को जेल भेज दिया.
दूसरी तरफ मामले में सूत्रों से प्राप्त जानकारी पर भरोसा करें तो मामला अंतर्राष्ट्रीय तस्करों से जुड़ा हुआ है मानव नरमुंडों कि ऐसी खेप लगभग प्रतिदिन बक्सर तथा सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के बलिया, हल्दी तथा फेफना से के इलाकों से लाई जाती है प्रत्येक नरमुंड की कीमत स्थानीय बाजार में तकरीबन पांच हजार रुपया है अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत कई गुना अधिक है यानी कि यहां प्रतिदिन लाखों का कारोबार इन नरमुंडों और मानव कंकाल से होता है. यह मानव अस्थियां सिक्किम, बर्मा होते हुए चाइना के बाजारों तक पहुंचाई जाती है जहां कॉस्मेटिक सामग्रियों में इनका प्रयोग किया जाता है अस्थियों के व्यापार के इस खेल में कई के इस खेल में कई सफेदपोश के इस खेल में कई सफेदपोश भी शामिल है. जो प्रतिमाह लाखों करोड़ों रुपए की कमाई इस व्यवसाय से करते हैं.
बताया जा रहा है कि तस्कर नरमुंडों की प्राप्ति के लिए हत्या जैसी वारदात को भी अंजाम दे देते हैं. आश्चर्य की बात तो यह है कि पूर्व में भी ये तस्कर गिरफ्तार हो चुके हैं फिर भी पुलिस को इनके पूरे रैकेट का पर्दाफाश करने में सफलता नहीं मिली है.
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