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Buxar Top News: नारी सम्मान पर तमाचा,कानून ताख पर रख हुई दबंगई फिर भी हुक्मरान हैं खामोश,पीड़ित महिला अधिकारी की पढ़िए दर्द भरी फरियाद..

कार्यालय में घुसकर ना सिर्फ उनके साथ गुंडागर्दी की बल्कि इस घटना का उसने वीडियो बनाकर सोशल साइट्स पर वायरल भी कर दिया.



- बक्सर की एक महिला अधिकारी से जुड़ा हुआ है मामला.
- कार्यालय में घुसकर की बदसलूकी, सामाजिक तौर पर भी किया बदनाम.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: एक और जहां सरकार महिला सशक्तिकरण की बात करती है, वहीं इस शासन में  खुलेआम महिलाओं की इज्जत के साथ खिलवाड़ किया जाता है.  बावजूद इसके  प्रशासनिक अधिकारियों  का मौन धारण करना कहीं ना कहीं सरकार  के झूठे जुमलों की पोल खोलता नजर आता है.

 मामला  बक्सर के  इटाढ़ी प्रखंड के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी  कविता कुमारी से जुड़ा हुआ है. आंगनबाड़ी  सेविका द्वारा  मनमाने तरीके से  पोषाहार इत्यादि के वितरण में बढ़ती जा रही अनियमितता का विरोध करना उन्हें इतना महंगा पड़ गया कि आंगनबाड़ी सेविका के पति ने महिला पदाधिकारी के कार्यालय में घुसकर ना सिर्फ उनके साथ गुंडागर्दी की बल्कि इस घटना का उसने वीडियो बनाकर सोशल साइट्स पर वायरल भी कर दिया. यही नहीं उल्टे महिला अधिकारी के खिलाफ अन्य आंगनबाड़ी सेविकाओं को भड़काकर आत्महत्या कर लेना की धमकी भरा पत्र जारी कराने का कार्य किया गया है.


 इस बात का खुलासा तब हुआ जब हम ने मामले की जानकारी लेने के लिए बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कविता कुमारी से बात की. उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी सेविका रंजू देवी का पति रासबिहारी ओझा कई दफे उनके कार्यालय में घुसकर उनके साथ बदतमीजी कर चुका है. हर बार उन्होंने इस बात को इग्नोर करने का प्रयास किया लेकिन हद तो तब हो गई जब उसने ना सिर्फ कार्यालय में घुसकर उनसे दुर्व्यवहार किया, बल्कि उनका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दिया. यही नहीं यह सारा घटनाक्रम सेविका रंजू देवी की सहमति से उनके सामने ही हुआ. उन्होंने यह भी बताया कि सेविका तथा उसके पति द्वारा अन्य आंगनबाड़ी सेविकाओं को भी भड़काकर बाल विवाह वह दहेज विरोधी मानव श्रृंखला के लिए 19 जनवरी 2018 को आयोजित रिहर्सल में भी सम्मिलित होने से रोक दिया गया था. जिसकी जानकारी जिला के वरीय अधिकारियों को लिखित रुप से दी गयी है. साथ ही कार्यालय में घुसकर अभद्रता करने तथा वीडियो बनाकर सोशल साइट्स पर डाल एक महिला की मर्यादा पर ठेस पहुंचाने की बात भी उन्होंने लिखित रूप से जिला परियोजना पदाधिकारी समेत जिले के वरीय अधिकारियों को दी है तथा इस मामले में उचित कार्रवाई करने की बात कही है.

सीडीपीओ ने बताया कि आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा भुगतान न किए जाने की जो बात कही जा रही है, वह सिर्फ इसलिए हुई है क्योंकि कार्यालय में मानव बल की कमी है. इस बात की सूचना भी वरीय पदाधिकारियों को दी गई है लेकिन अभी तक कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं होने के कारण भुगतान में विलंब हो रहा है, लेकिन इसी बीच इस तरह के दुर्व्यवहार की घटना ने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया है. उन्होंने बड़े ही मार्मिक ढंग से जब यह पूछा कि क्या महिला होना गुनाह है? तो इसका जवाब शायद हमारे पास भी नहीं था !

बहरहाल, महिला सीडीपीओ के कार्यालय में घुसकर  दुर्व्यवहार  एवं उसकी गरिमा को ठेस पहुंचाने मामले में प्रशासनिक स्तर पर कोई कार्रवाई न किया जाना अपने आप में एक बड़ा सवाल है !








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