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Buxar Top News: सच्चाई का आईना: बेहतर पुलिसिंग के हो रहे हैं दावे, शराब के नशे में बंदूक उठाए लोग दे रहे हैं मारने की धमकी !

यह सब कुछ जिले के पुलिस कप्तान के आवास के ठीक बगल में होता है.


-  मामूली विवाद में लहराने लगा हथियार.
- बरामद हुई गोलियां, दर्ज हुआ आर्म्स एक्ट उत्पाद अधिनियम के तहत मामला.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बिहार में एक तरफ जहां शराबबंदी के दावे किए जाते हैं वह शराबबंदी के बावजूद भी जिले में शराब बिक्री का आलम यह है कि लोगों को अब शराब पीकर हंगामा करने में भी भय नहीं सता रहा है इसी क्रम में धनसोईं थाना अंतर्गत इटढ़िया गांव में एक युवक को शराब के नशे में हथियार लहराते हुए पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार युवक के पास से पुलिस ने एक राइफल और 6 जिंदा कारतूस जब्त किया है. गिरफ्तार युवक इटढियां गांव का रहने वाला देवी दयाल पाठक बताया जाता है. मामले में प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार की दोपहर में देवी दयाल पाठक शराब पीकर हंगामा कर रहे थे. इसी बीच किसी से उनकी बहस हो गयी. इसके बाद देवी दयाल पाठक ने अपने घर से राइफल निकाला और लहराने लगे. स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना धनसोईं थाना की पुलिस को दी. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची ने पुलिस ने उक्त युवक को राइफल और 6 जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार कर लिया. इस बाबत धनसोईं थानाध्यक्ष रविकांत ने बताया कि शराब के नशे में राइफल लेकर लोगों को धमकी दे रहा था. स्थानीय लोगो ने इसकी सूचना मिलने पर उसे गिरफ्तार किया गया है. उसके पास से राइफल तथा छह कारतूस बरामद हुआ है जिसके बाद उसके विरुद्ध आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया गया है. दूसरी तरफ शराब के नशे में होने के कारण उत्पाद अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है.

घटना के बाद इलाके में चर्चाओं का बाजार गर्म है. स्थानीय सूत्रों की माने तो शराब बंदी को लेकर बने कानून का अनुपालन कराने में बक्सर पुलिस विफल साबित हो रही है. आरक्षी अधीक्षक जहां स्वयं बार-बार शराबबंदी के दावे करते नजर आते हैं वहीं सारे दावे इन वारदातों के होने के बाद खोखले नजर आते हैं. सूत्रों की माने तो आरक्षी अधीक्षक के आवास के समीप वीर कुंवर सिंह पुल  हर प्रकार के अवैध तस्करी का जरिया बना हुआ है. रात को कौन कहे दिन में भी शराब तस्कर बड़ी आसानी से शराब की खेप लेकर सीमा में प्रवेश कर जाते हैं. और जहां से जिले के विभिन्न क्षेत्रों में शराब की खेप पहुंचाते हैं.  आश्चर्य की बात तो यह है कि यह सब कुछ जिले के पुलिस कप्तान के आवास के ठीक बगल में होता है. बावजूद इसके अभी तक वह तस्करी पर रोक लगाने में विफल रहे हैं. जिसका नतीजा है कि शराब और भी आसानी से लोगों तक पहुंच जा रही है. जिसका प्रमाण आए दिन हो रही शराबियों की गिरफ्तारी एवं अपराधिक घटनाओं के रूप में मिलता रहता है.










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