Buxar Top News: भ्रष्टाचार के भूत ने एमपी हाई स्कूल के नए प्रभारी को बनाया शिकार, अब हर कोई कर रहा जिम्मेदारी लेने से इनकार !
पूर्व प्रधानाध्यापिका के कार्यकाल में बड़ी वित्तीय अनियमितताएं उजागर हुई हैं. उसमें फंसने के डर से कोई वहां का प्रभार लेना ही नहीं चाह रहा है.
- बिना हेडमास्टर के चल रहा है एमपी हाई स्कूल.
- व्यापक तौर पर हुई है वित्तीय अनियमितता.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: एमपी हाईस्कूल का मामला इन दिनों काफी दिलचस्प हो गया है. वहां प्रधानाध्यापक का कोई प्रभार ही नहीं लेना चाहता. पूर्व प्रधानाध्यापिका विनीता पाल की सेवानिवृत्ति के बाद वरिष्ठ शिक्षक गुप्तेश्वर सिंह को विद्यालय का प्रभारी बनाया गया. लेकिन जब पूर्व प्रधानाध्यापिका से प्रभार लेने के साथ ही वह गंभीर रूप से बीमार हो गए और इलाज कराने के लिए वाराणसी चले गए. गुप्तेश्वर सिंह के बीमार होने पर वरिष्ठता के क्रम में नम्बर दो पर आ रहे अशोक तिवारी को विद्यालय का प्रभार दिया गया लेकिन उन्होंने भी लिखकर दे दिया कि वह वहां का प्रभार नहीं ले सकते. अब वहां कोई प्रभार लेने को तैयार नहीं हो रहा है.
गौरतलब है कि विद्यालय के अन्य शिक्षक भी हेडमास्टर का प्रभार लेने से कतरा रहे हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर कोई शिक्षक वहां का प्रभार क्यों नहीं चाह रहा है. क्या वजह है कि शिक्षक इस दायित्व से भाग रहे हैं. जबकि, शिक्षकों में हेडमास्टर बनने की होड़ रहती है. सूत्र बताते हैं कि विद्यालय में पूर्व प्रधानाध्यापिका के कार्यकाल में बड़ी वित्तीय अनियमितताएं उजागर हुई हैं. उसमें फंसने के डर से कोई वहां का प्रभार लेना ही नहीं चाह रहा है. माना जा रहा है कि इसी भ्रष्टाचार के शिकार गुप्तेश्वर सिंह हुए हैं, व्यापक तौर पर हुई अनियमितता के टेंशन को वह बर्दास्त नहीं कर सके और बीमार हो गए. इस परिस्थिति में विद्यालय फिलहाल बगैर प्रभार के ही चल रहा है. इस संबंध में पूछे जाने पर जिला शिक्षा पदाधिकारी सह स्थापना डीपीओ रामेश्वर सिंह ने बताया कि गुप्तेश्वर सिंह को विद्यालय का प्रभारी बनाया गया था. उनके बीमार हो जाने के बाद अशोक तिवारी को बनाया गया है. लेकिन श्री तिवारी द्वारा इससे इनकार के सवाल पर डीईओ ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा के डीपीओ से उक्त विद्यालय के वरीय शिक्षकों की सूची मांगी गई है. उन्होंने बताया कि नियम के मुताबिक किसी वरीय शिक्षक को वहां का प्रभारी बनाया जाएगा.
पूर्व हेडमास्टर के कार्यकाल में उठे हैं सवाल:
वैसे भी यहां की पूर्व हेडमास्टर का कार्यकाल सवालों के घेरे में रहा है. पिछले दिनों रिटायरमेंट से पूर्व भी एचएम ने बगैर किसी की अनुमति के विद्यालय की जमीन का आवंटन दुकानदारों को कर दिया था. उक्त मामले का खुलासा होने के उपरांत जिलाधिकारी ने उसकी जांच और यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया. सूत्रों की मानें तो हाईस्कूल की जमीन में स्थित दुकानदारों से किराया वसूली में वहां झोलझाल किया गया है. बताया जाता है और भी कई मामलों में घालमेल किया गया है.नतीजा यह हो रहा है कि अब कोई वहां का प्रभारी बनकर अपना गला फंसाना नहीं चाह रहा है.
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