Buxar Top News: बड़ा खुलासा: फर्जी अधिकारियों की टीम ने की बक्सर में छापेमारी..
साथ ही उन्होंने यह बताया कि राज्य स्तरीय सदस्य भी फिलवक्त प्रभाव में नहीं है. उन्हें कई जगहों से मिल रही भ्रष्टाचार की शिकायतों के आलोक में निलंबित कर दिया गया है. इस प्रकार कोई भी व्यक्ति यदि यह कहता है कि वह पशु कल्याण विभाग का सम्मानित सदस्य है तो वह गलत है.
- बड़ी चालाकी से खुद को बता रहे थे एनिमल वेलफेयर बोर्ड का सदस्य
- आम लोगों के साथ पुलिस ने भी खाया धोखा.
- ऑफिस का एड्रेस गलत बताने से सामने आया सच.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर एनिमल वेलफेयर बोर्ड के अधिकारियों ने पिछले दिनों बक्सर के बड़की सारीमपुर में एक पशु व्यवसाई के यहां छापेमारी की थी छापेमारी के दौरान उन्होंने आरक्षी अधीक्षक मोहम्मद अब्दुल्लाह से संपर्क कर उन्होंने पर्याप्त संख्या में पुलिस बलों को भी अपने साथ ले लिया था छापेमारी अभियान में उनके साथ नगर थानाध्यक्ष अविनाश कुमार एवं औद्योगिक थाना अध्यक्ष असलम शेर अंसारी भी मौजूद थे
जिन्होंने की पशुओं के साथ क्रूरता उन्हीं के जिम्मे छोड़ दिए गए पशु:
सारीमपुर में की गई छापेमारी के दौरान उन्होंने पशुओं के साथ क्रूरता की बात कहते हुए सभी 160 पशुओं को कथित रूप से अपने कब्जे में ले लिया. अधिकारियों के पहुंचने से इलाके में हड़कंप मचा रहा. कोई भी व्यक्ति इन्हें अपना पशु बताने से कतरा रहा था ज्ञात हुआ कि यह पशु व्यवसायी फारुख जख्मी के पशु हैं. वहाँ बंधे पशु वाकई क्रूरता के शिकार थे कई पशुओं के शरीर से खून भी निकल रहा था, तथा कई तो मरणासन्न स्थिति में थे. जिलाधिकारी के निर्देश पर उन्हें फायर ब्रिगेड से पानी की उपलब्धता करा कर पानी पिलाया गया जिसके बाद पशुओं को उसी अहाते में छोड़ दिया गया अधिकारियों ने बताया कि फारुक जख्मी नामक पशु व्यवसाई के पुत्र को ही पशुओं की देखभाल करने का जिम्मा दे दिया गया है.
एक लाख रुपए बतौर रिश्वत मांगे जाने की थी चर्चा:
बताया जा रहा है कि खुद को पशु कल्याण विभाग के सदस्य बताने वाले सभी सदस्य पहले अकेले ही मौके पर पहुंचे थे. यह भी चर्चा हो रही थी कि उन्होंने फारुख जख्मी के पुत्र से एक लाख की मांग भी की थी. जब उन्होंने देने से इंकार किया तब अधिकारियों ने आरक्षी अधीक्षक मोहम्मद अब्दुल्लाह को फोन किया. जिनके निर्देश पर नगर थाना एवं औद्योगिक थाना के पुलिस मौके पर पहुंची तब तक फारुख जख्मी का पुत्र भी वहां से निकल चुका था. कोई भी व्यक्ति पशुओं को अपना नहीं बता रहा था बाद में पशु क्रूरता का हवाला देते हुए थाने में प्राथमिकी के लिए आवेदन इन कथित अधिकारियों ने दिया लेकिन बड़ी ही चालाकी से अधिकारियों ने आवेदन पर अपना मोबाइल नंबर भी नहीं दिया. यही नहीं अगले दिन इन्होंने बाजाप्ता प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी खबरों को अखबार तक पहुंचाया. बताया जा रहा है कि रुपयों की माँग पूरी करने का दबाव बनाने के लिए उन्होंने यह तरीका अपनाया. संभवत: उनके यह चाल कामयाब भी हो गई.
नहीं होते हैं इस प्रकार के अधिकारी- पशु कल्याण विभाग:
बक्सर टॉप न्यूज़ ने शक होने पर इन अधिकारियों की वास्तविकता जानने के लिए पंचकुला स्थित जीव जंतु कल्याण विभाग के कार्यालय में बात की जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सदस्य मोहन आहलूवालिया ने बताया के ऑर्नारी मेंम्बर(सम्मानित सदस्य) नाम का कोई पद विभाग में होता ही नहीं है. साथ ही उन्होंने यह बताया कि राज्य स्तरीय सदस्य भी फिलवक्त प्रभाव में नहीं है. उन्हें कई जगहों से मिल रही भ्रष्टाचार की शिकायतों के आलोक में निलंबित कर दिया गया है. इस प्रकार कोई भी व्यक्ति यदि यह कहता है कि वह पशु कल्याण विभाग का सम्मानित सदस्य है तो वह गलत है.
ऑफिस का एड्रेस गलत बताने पर हुआ शक:
कथित अधिकारियों ने योजना तो बहुत अच्छी बनाई थी. लेकिन वह बक्सर में फलित नहीं हो सकी. जैसा कि कहते हैं चोर की दाढ़ी में तिनका संभवत: वही बात यहां भी लागू हुई. अधिकारियों ने प्रेस वार्ता के दौरान अपने ऑफिस का एड्रेस गलत बता दिया. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय जीव जंतु कल्याण संस्थान का प्रधान कार्यालय गुड़गांव में है, जबकि राष्ट्रीय पशु कल्याण संस्थान का केंद्रीय कार्यालय सीकरी, बल्लभगढ़, जिला-फरीदाबाद (हरियाणा) में विभाग की वेबसाइट पर बताया गया है.
जिलाधिकारी को बताया गया, मेनिका गाँधी फॉउंडेशन से जुड़े थे अधिकारी:
मामले में प्रभारी जिलाधिकारी अरविंद कुमार से बात करने पर उन्होंने बताया कि वे सभी अधिकारी मेनिका गांधी फाउंडेशन से आए हुए थे तथा उनके पहचान पत्र का सत्यापन डीसीएलआर राजेश कुमार ने किया था. जिसके बाद प्रशासन ने उनके लिए पुलिस फोर्स की व्यवस्था कराई थी. यही नहीं उन्होंने यह भी बताया क्या गौशाला में कोई व्यवस्था ना होने के कारण पशुओं को वहां रखा गया है, लेकिन शीघ्र ही गौशाला को ठीक कर पशुओं को वहां स्थानांतरित कर दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने भी स्वीकार किया कि पशुपालक फारुख जख्मी के पुत्र को ही पशुओं की देखभाल करने का जिम्मा मिला हुआ है. उन्होंने बताया कि आगे न्यायालय का जो आदेश होगा उसके तहत कार्य किया जाएगा.
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