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Buxar Top News: वाह रे प्रशासन ! जिंदगी की कीमत केवल 20 हजार रुपए ..



 इस दौरान छात्र नेता रामजी सिंह नेवी परिजनों की मदद करनी चाहिए लेकिन ड्यूटी छोड़कर गायब चिकित्सकों के लापरवाही प्रिंस की जिंदगी के लिए भारी पड़ी.

- गेहूं के खेतों की कटनी के दौरान हुआ हादसा.
- बेहद गरीब परिवार का रहने वाला था मृतक.

बक्सर टॉप न्यूज़ बक्सर बुधवार को एक ह्रदय विदारक घटना में खेत में गेहूं कटाई में के दौरान मड़नीया निवासी चंदेश्वर पांडेय के पुत्र प्रिंस राज पांडेय की सर्पदंश से मौत हो गई.  प्रिंस के  पिता बक्सर में टेंपो चलाकर अपने बेटे को पढ़ा रहे थे. वह कक्षा 9 का छात्र था पिता ने जीविकोपार्जन के लिए पंडितपुर  मुख्य नहर मार्ग पर बंदोबस्ती पर लेकर खेती की थी. बुधवार को गेहूं की कटाई करवाने के लिए पिता पुत्र दोनों आए थे. शाम करीब सात बजे के लगभग बच्चे को सांप ने काट लिया.

आनन फानन में पिता ने पुत्र को लेकर सदर अस्पताल बक्सर गए. लेकिन इलाज में कथित तौर पर लापरवाही के कारण आखिरकार प्रिंस ज़िन्दगी के जंग हार गया. इस दौरान छात्र नेता रामजी सिंह नेवी परिजनों की मदद करनी चाहिए लेकिन ड्यूटी छोड़कर गायब चिकित्सकों के लापरवाही प्रिंस की जिंदगी के लिए भारी पड़ी.
इकलौते पुत्र के खोने का गम शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता हालांकि प्रशासन प्रिंस के परिजनों को 20 हज़ार रुपए मुआवजे की राशि उपलब्ध कराकर जहां एक और सदर अस्पताल की  कुव्यवस्था पर पर्दा डालने की कोशिश तो की लेकिन कुछ सवाल सबके सामने छोड़ दिए कि क्या महज मुआवजे की राशि देकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री प्रशासन की नियति बन चुकी है? क्या कभी अस्पताल की व्यवस्था सुधरेगी? या यूं ही जिंदगी की कीमत लगाई जाती रहेगी...
















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