Buxar Top News: जोकीहाट की जीत के बाद बड़े कद के नेता के रूप में स्थापित होंगे तेजस्वी - शिवानंद तिवारी.
दरअसल नीतीश ने महागठबँधन त्यागा और ग़रीबों ने नीतीश को त्याग दिया. नीतीश आज जिस जमात के साथ हैं वह आरक्षण विरोधियों की जमात है.
- कहा, नीतीश जिस जमात के साथ है वह आरक्षण विरोधियों है जमात.
- देख रहा है गरीब-गुरबा, मनुवादियों के साथ हो गए हैं नीतीश.
बक्सर टॉप न्यूज़, पटना जोकिहाट में नीतीश के लोग पेंदी से ज़ोर लगाए हुए हैं. रामचंद्र बाबू का क़ाफ़िला तो देखने लायक होता है. आगे-पीछे दो-चार मंत्रियों की गाड़ी जब तक नहीं हो तबतक उनका क़ाफ़िला शोभता ही नहीं है. आख़िर नीतीश के बाद दूसरे नम्बर पर तो वही हैं. मंत्रियों की टोली और अपने को पार्टी का नेता समझने वालों के साथ रामचंद्र बाबू ख़ूब ज़ोर लगाए हुए हैं. यह कहना है पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी का उन्होंने कहा कि आज के समय में सत्ता का भी इस्तेमाल हो रहा है. विरोधी मतदाताओं वाले बूथ को संवेदनशील घोषित करवा कर मतदान को धीरे करवा देना. दाल गल जाए तो वोटरों को भगाकर बूथ छाप दिया जाए. यह सब ताल-तिकड़म भी बैठाया जा रहा है. अगर जीत नहीं हो तो कम से कम हार का अंतर कम हो जाए. यही रणनीति है.
लेकिन लाख सर पटक लें नीतीश राजद की जीत तो वहाँ तय है. अररिया लोकसभा या जहानाबाद या भभुआ उप चुनाव में भी नीतीश की सभा बिलकुल फीकी थी. जोकिहाट में यही हाल था. दो-ढाई-तीन हजार से ज्यादा लोग जुटाने के बावजूद नहीं जुटते हैं. दूसरी ओर कल तेजस्वी की सभा में अप्रत्यासित भीड़ थी. रोज़ा के अलावा कल ज़ूमा भी था. स्थानीय पत्रकार बता रहे थे कि इसके बावजूद सबके अनुमान के बाहर भीड़ थी.
दरअसल नीतीश ने महागठबँधन त्यागा और ग़रीबों ने नीतीश को त्याग दिया. नीतीश आज जिस जमात के साथ हैं वह आरक्षण विरोधियों की जमात है. इसी जमात के नौजवान दस अप्रैल को आरक्षण के विरोध में भारत बंद करा रहे थे. ग़रीब-गुरबा देख रहे हैं की नीतीश जी पाला बदलकर अब मनुवादियों के साथ हो गये हैं.
जोकिहाट का उपचुनाव को नीतीश बनाम तेजस्वी के बीच चुनाव के रूप में भी देखा जा रहा है. बिहार के अख़बारों पर नीतीश का संपूर्ण नियंत्रण है. दो-दो तीन-तीन कॉलम का, तेजस्वी को लगभग गाली देने वाला बयान छपना रोज़नामचा है. चोरदरवाजे से उप मुख्यमंत्री बनने वाले छोटे मोदी भी उसी क़तार में शामिल हैं.
इधर नीतीश कुमार रोज़ाना दलितों, आदिवासियों और अकलियतों के लिए आर्थिक लाभ देने वाली योजनाओं की घोषणा कर रहे हैं. चतुर बहेलिया की तरह दाना डाल कर जाल बिछा रहे हैं. जोकीहाट का उपचुनाव का नतीजा बताएगा कि वोटर नीतीश के जाल में फँसते हैं या नहीं. दूसरी ओर राजद की जीत तेजस्वी को जनता के बीच नीतीश से बड़े क़द के नेता के रूप में स्थापित कर देगी. जोकीहाट नीतीश और तेजस्वी के बीच कड़ा इम्तिहान है.
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