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Buxar Top News: डॉग स्क्वायड की टीम के साथ पुलिस ने शुरु की तीन नामज़द समेत सभी छह आरोपियों को पकड़ने की कोशिश ..



चितरंजन सिंह के साथ पूर्व से छह बीघा जमीन का विवाद चल रहा था. जिसको लेकर हमेशा उसके साथ अनबन रहती थी। हत्या का आरोप चितरंजन सिंह पर लगाते हुए यशवंत ने तीन नामजद समेत छह लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है. 
नगर थाने में प्रशिक्षित कुत्ता

- शुक्रवार की शाम जमीन विवाद में कर दी गई थी खूंटी यादव की हत्या.
-  प्रशिक्षित कुत्ता चीनी मिल इलाके से नहीं बढ़ रहा आगे.
- अज्ञात हमलावरों के स्केच हुए हैं जारी.
खूँटी यादव की फ़ाइल इमेज

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बताया जा रहा है कि बसपा नेता खूंटी यादव की हत्या जगदीशपुर के सरपंच ने कराई है. गोली से जख्मी मृतक के पुत्र यशवंत ने पुलिस को जो बयान दिया है उससे स्पष्ट हो चुका है कि यह हत्या सरपंच चितरंजन सिंह ने कराई है. इस मामले में जख्मी यशवंत के बयान पर सरपंच समेत छह लोगों के विरूद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है.

वाराणसी से लौटकर घर वापस आते ही मृतक खूंटी यादव के पुत्र यशवंत सिंह ने पुलिस को अपना बयान दर्ज करा दिया है. जिसमें उसने बताया है कि चितरंजन सिंह के साथ पूर्व से छह बीघा जमीन का विवाद चल रहा था. जिसको लेकर हमेशा उसके साथ अनबन रहती थी. हत्या का आरोप चितरंजन सिंह पर लगाते हुए यशवंत ने तीन नामजद समेत छह लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है. जिसमें चितरंजन सिंह पिता रामाशीष सिंह, कंचन कुमार सिंह, सरोज सिंह, अजय सिंह, जगमोहन सिंह तथा रामइश्वर सिंह सभी पिता रामाशीष सिंह समेत तीन अज्ञात युवकों के नाम शामिल हैं. जख्मी का बयान कलमबंद होते ही आरोपितों की तलाश में पुलिस की छापेमारी जारी है.  सदर प्रखंड के जगदीशपुर निवासी सभी नामजद आरोपित घटना के पूर्व से ही घर से फरार हैं. वजह स्पष्ट है कि हत्या की वारदात के बाद इसकी गाज उन लोगों पर ही गिरनी थी. इसे आरोपित भी भली भांति समझते थे.  


बताते चलें कि जगदीशपुर की जिस छह बीघा जमीन के लिए खूंटी यादव की हत्या की गई है उसे खूंटी यादव से भी पहले जबरन चितरंजन सिंह अपने चाचा से हासिल करना चाहता था।.बताया जाता है कि उस जमीन के लिए उसके असली वारिस चचेरी बहन समेत उसके पुत्री की हत्या कर दी गई थी. जिसमें चितरंजन सिंह के परिवार के कई सदस्य जेल भी गए थे. तथा अब जमानत पर बाहर आ गए हैं. इस दौरान खूंटी यादव ने इटाढ़ी निवासी दामाद से पूरी जमीन लिखवा कर पहले ही विवाद मोल ले लिया था. जिसको लेकर खूंटी यादव और चितरंजन सिंह के बीच अब सीधी लड़ाई चल रही थी. इसी संदर्भ में छह माह पूर्व भी खूंटी यादव पर जानलेवा हमला किया गया था. जिसमें वो बाल-बाल बच गए थे. आखिरकार शुक्रवार की देर रात हत्यारों ने अपने मकसद में कामयाबी पा ही ली और खूंटी यादव नामक विवाद की जड़ को सदा के लिए मौत की नींद सुला दिया. 

बहरहाल, बयान दर्ज करने के साथ ही पुलिस अपने काम में पुरी मुश्तैदी के साथ लग गई है. 


डॉग स्क्वायड की ली गई मदद:


हत्यारों को जल्द से जल्द सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए पुलिस पूरी तत्परता के साथ लगी हुई है. इस काम में तेजी लाने के लिए पटना से रविवार की सुबह डॉग स्कवायड को बुलाया गया है. टीम अपने प्रशिक्षित कुत्ते के साथ घटनास्थल से आगे की ओर बढ़ चुकी है. हालांकि घटनास्थल से महज सो मीटर आगे रेलवे लाइन के बगल में चीनी मिल की तरफ जाने वाली एक गली के मुहाने पर जाकर डॉग स्कवायड की टीम को रूक जाना पड़ा. दरअसल पुलिस का प्रशिक्षित कुत्ता वहां से आगे बढ़ ही नहीं पा रहा था. हत्यारों का जारी हुआ स्केच

हत्यारों को जल्द से जल्द दबोचकर उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए पुलिस अपने हर दांव को आजमाने में लगी है. इसके लिए पटना से विशेषज्ञों को बुलाकर हमलावरों का प्रत्यक्षदर्शी यशवंत के अनुसार स्केच बनवाया गया है। जिसका प्रिंट जिले के हर थाना समेत सीमावर्ती थानों को भेज दिया गया है. जिससे कम से कम हमलावरों की पहचान हो सके. एक बार पहचान हो जाने के बाद पुलिस के लिए उन्हें दबोचना आसान हो जाएगा. हत्या के इस मामले का पुलिस हर हाल में जल्द उद्भेदन करने में जी जान से लगी हुई है. देखना यह है कि पुलिस द्वारा हर प्रकार के किए जा रहे प्रयास कितनी जल्दी अपना रंग दिखाते हैं.
















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