Buxar Top News विडियो: नाथ मंदिर के पास आठ लाशें देख धरने पर बैठे कारगिल योद्धा, पूछा सवाल क्या ऐसे लोगों के लिए ही हमने देश बचाया ?
सैनिक से जब यह स्थिति नहीं देखी गई तो उन्होंने जिले के वरीय पदाधिकारी को मामले से अवगत कराया. सैनिक का कहना था कि वे सुबह तकरीबन 7:00 बजे गंगा स्नान को पहुंचे थे.
नाथ मंदिर के समीप खराब सैनिक पीछे बहती लाश |
देखें वीडियो:
- नाथ बाबा मंदिर के समीप गंगा में बह रही थी लाशें.
- पहुंचे अनुमंडलाधिकारी आश्वासन देकर तुड़वायाअनशन.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: मान्यताओं का हवाला देते हुए लोगों द्वारा गंगा नदी में लाशों को बहाया जा रहा है. लाशों को सीधे गंगा में बहा देने से श्रद्धालुओं को फजीहत का सामना करना पड़ता है.
ऐसा ही एक मामला तब सामने आया जब स्थानीय नाथ बाबा मंदिर के समीप स्थित गंगा घाट पर शुक्रवार को एक-एक कर आठ लाशें घाट के किनारे आकर लग गई. कई लाशें बुरी तरह सड़ चुकी थी जिसके कारण उन से निकलने वाली तीव्र दुर्गंध गंगा स्नान को पहुंचे श्रद्धालुओं को परेशान कर रही थी. उन्ही श्रद्धालुओं में एक पूर्व सैनिक भी शामिल थे जो कि गंगा स्नान को आए थे. सैनिक से जब यह स्थिति नहीं देखी गई तो उन्होंने जिले के वरीय पदाधिकारी को मामले से अवगत कराया. सैनिक का कहना था कि वे सुबह तकरीबन 7:00 बजे गंगा स्नान को पहुंचे थे. जब उन्होंने गंगा स्नान के दौरान स्थिति देखी तो उन्होंने जिलाधिकारी को फोन कर इस पर संज्ञान लेने की बात कही. लेकिन तकरीबन 9:30 बजे तक जिलाधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे. ना ही उन्होंने लाश को हटवाने की कोई व्यवस्था की.
मौके पर पहुंचे सदर अनुमंडलाधिकारी |
जब कोई प्रशासनिक पदाधिकारी जब मौके पर नहीं पहुंचा तो पूर्व सैनिक थक हार कर धरने पर बैठ गए. इसकी सूचना मीडिया को मिली मौके पर पहुंचे पत्रकारों ने जब फौजी प्रेमचंद पांडेय से बात करनी शुरू की उन्होंने बताया कि वह छत्तीसगढ़ से आए हैं तथा उन्होंने कारगिल की लड़ाई भी लड़ी थी. उन्होंने बताया कि घाट पर लाशों के ढेर से निकलने वाली दुर्गंध तथा गंगा नदी के दुर्दशा देखकर उन्होंने जिलाधिकारी को फोन किया लेकिन घंटो बीत जाने के बाद लाशों को हटाने की कोई प्रशासनिक व्यवस्था नहीं की गई. उन्होंने बड़े ही रोषपूर्ण शब्दों में यह सवाल पूछा कि क्या ऐसे ही लोगों के लिए हमने कारगिल की लड़ाई लड़ी थी जो गंगा कक गंदा होने से नहीं बचा पाए रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम लोगों ने बाहरी दुश्मनों से तो देश को बचा लिया लेकिन घर के अंदर बैठे इन दुश्मनों से कौन बचाएगा?
बाद में मीडियाकर्मियों द्वारा सूचित किए जाने पर सदर अनुमंडलाधिकारी के के उपाध्याय स्वयं नाथ बाबा मंदिर घाट पर पहुंचे तथा पूर्व फौजी को समझा-बुझाकर तथा लाशों को हटाए जाने का वादा कर अनशन को खत्म कराया.
इन सब बातों के बीच बड़ा सवाल यह उठता है कि जहां एक और केंद्र सरकार नमामि गंगे जैसी योजना चलाकर गंगा को साफ करने की मुहिम चला रहे हैं सुबह लोगों की कथित आस्था के फेर में इस महत्वकांक्षी योजना की हवा निकल रही है.
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