सुशील मोदी एवं केंद्रीय मंत्री चार साल से विकास का ढोल पीटते आ रहे हैं.लेकिन जब शिक्षकों का विकास नहीं होगा तो बिहार के विकास की बात तो बेमानी हीं हैं.
- कहा, बिहार में 76% बच्चें इंटरमीडिएट वितरहित कॉलजों में करते हैं शिक्षा ग्रहण.
-भाजपा सरकार को खुला पत्र भेजकर वितरहित शिक्षा कर्मियों की समस्याओं के समाधान की अपील
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: शनिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आल इंडिया कांग्रेस कमेटी सदस्य डॉ. मनोज कुमार पांडेय ने बिहार सरकार के मंत्री एवं बिहार सरकार से चुने गए लोकसभा सदस्य अश्वनी कुमार चौबे एवं बीजेपी के पूर्व विधायकों को नसीहत देते हुए कहा की बिहार सरकार वितरहित शिक्षा कर्मियों से काम तो लेती हैं लेकिन उनके साथ वर्षो से न्याय नहीं किया जाता हैं.
सुशील मोदी एवं केंद्रीय मंत्री चार साल से विकास का ढोल पीटते आ रहे हैं.लेकिन जब शिक्षकों का विकास नहीं होगा तो बिहार के विकास की बात तो बेमानी हीं हैं. डॉ. पांडेय ने आंकड़ों के साथ बताते हुए कहा की लगभग बिहार में 76% बच्चें इंटरमीडिएट वितरहित कॉलजों में शिक्षा ग्रहण करते हैं. लेकिन दुःख होता हैं कि भाजपा कि सरकार एवं उनके लोग इन शिक्षा कर्मियों एवं उनके परिवार के लोगों के साथ झूठ की खेती कर उनको उनके भाग्य भरोसे छोर दिए है.केवल मोदी जी का एजेंट बन कर विकास की ढोल पीटते हैं. डॉ. पांडेय ने कहा की बक्सर जिला में केवल वितरहित शिक्षक कॉलेज में न पढ़ाये, परीक्षा में भाग न ले, परीक्षक बनकर उतर पुस्तिका का मूल्यांकन न करे तो शुशील मोदी जी का विकास का बड़बोली गठबंधन सरकार कि धज्जियां उड़ जाएगी. डॉ.पांडेय ने आगे कहा कि इंटरमीडिएट के परीक्षाओं के मूल्यांकन में 95% परीक्षक वितरहित कॉलेजों के हैं. जिसमे से कई भुखमरी एवं दर दर ठोकरे खाने को विवश हैं. डॉ.पांडेय ने बिहार में भाजपा गठबंधन एवं केंद्र भाजपा सरकार को खुला पत्र भेजकर वितरहित शिक्षा कर्मियों के समस्याओं के समाधान की अपील की.उन्होंने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव में इन लोगों को करारा जवाब देने को तैयार हैं. कांग्रेस पार्टी आम जनता के हक़ के लड़ाई में साथ खड़ी हैं और हमेशा रहेगी.
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